छत्तीसगढ़ में फूड प्वाइजनिंग का कहर, 37 बच्चों सहित 51 लोग बीमार; शादी में खाया था खाना
छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में शादी समारोह के बाद खाना खाने से 51 लोग, जिनमें 37 बच्चे शामिल हैं, फूड प्वाइजनिंग के शिकार हो गए. सभी की हालत अब स्थिर है और मामले की जांच जारी है.

छत्तीसगढ़ में एक शादी समारोह के बाद खाना खाने वाले 51 लोगों की तबीयत अचानक बिगड़ गई. इनमें 37 बच्चे भी शामिल हैं. सभी को उल्टी और दस्त की शिकायत के बाद इलाज के लिए कोरबा मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में भर्ती कराया गया है. फिलहाल सभी की हालत स्थिर बताई जा रही है.
ये घटना गुरुवार रात को उरगा थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले पहरीपारा गांव में हुई. शादी के भोज के बाद कई मेहमानों ने तबीयत खराब होने की शिकायत की, जिसके बाद आनन-फानन में उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया. पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रण में लिया और जांच शुरू कर दी है.
शादी के भोज के बाद बिगड़ी तबीयत
कोरबा जिले में आयोजित एक शादी समारोह में शामिल हुए मेहमानों ने भोज के बाद उल्टी, पेट दर्द और दस्त की शिकायत की. ये घटना गुरुवार देर रात सामने आई, जब कई लोगों को अचानक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होने लगी. देखते ही देखते संख्या बढ़ गई और 51 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा.
सबसे ज्यादा बच्चों की संख्या
कोरबा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के अधीक्षक डॉ. गोपाल कंवर के अनुसार, बीमार लोगों में 14 लड़कियां, 23 लड़के, 11 महिलाएं और 3 पुरुष शामिल हैं. सभी की स्थिति अब स्थिर है और समय रहते इलाज मिलने से स्थिति नियंत्रण में है.
पुलिस ने शुरू की जांच
पहरीपारा गांव की इस घटना के बाद पुलिस ने फूड प्वाइज़निंग की आशंका जताई है और इसकी विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि खाने में किस वस्तु से विषाक्तता हुई, ये जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा.
प्रशासन सतर्क, अस्पताल में की गई विशेष व्यवस्था
अस्पताल प्रशासन ने तत्काल सभी पीड़ितों के इलाज की व्यवस्था की. स्थानीय प्रशासन भी लगातार स्थिति की निगरानी कर रहा है और गांव में टीम भेजकर अन्य लोगों की तबीयत पर नजर रखी जा रही है. फिलहाल गांव में कोई नई शिकायत नहीं आई है.
फिलहाल स्वास्थ्य विभाग पूरी सतर्कता के साथ हालात पर नजर बनाए हुए है. प्रशासन ने भोजन के नमूनों की जांच के आदेश दे दिए हैं और रिपोर्ट का इंतज़ार किया जा रहा है. गांव में किसी भी तरह की दोबारा स्थिति ना बने, इसके लिए एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं.