बुलेटप्रूफ स्कॉर्पियों से नकली नोटों और हथियारों का करते थे तस्करी, दिल्ली पुलिस ने किया भंडाफोड़... 5 गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया, जो सोशल मीडिया पर कोड वर्ड के जरिए अवैध हथियारों और नकली करेंसी की तस्करी करता था. गैंग बुलेटप्रूफ स्कॉर्पियो से तस्करी करता था और इसका नेटवर्क मथुरा से दिल्ली तक फैला था. पुलिस ने गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार कर भारी मात्रा में हथियार, नकली नोट और सोशल मीडिया चैट्स जब्त की हैं.

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक खतरनाक और संगठित अपराध गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो सोशल मीडिया के जरिए कोड वर्ड में बातचीत कर अवैध हथियारों और नकली करेंसी की तस्करी कर रहा था. इस नेटवर्क की जड़ें मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली तक फैली हुई थीं.
बुलेटप्रूफ स्कॉर्पियो में छिपाए जाते थे हथियार
स्पेशल सेल ने 5 मुख्य आरोपी किए गिरफ्तार
लंबी निगरानी और इनपुट्स के आधार पर दिल्ली पुलिस ने इस गैंग के पांच मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनमें मुख्य सरगना संसू खान उर्फ रेहान, एक महिला तस्कर मीरा और तीन हथियार सप्लायर शामिल हैं.
मथुरा से मिली पहली जानकारी
6 जुलाई को दिल्ली पुलिस को इनपुट मिला कि मथुरा से एक व्यक्ति रवि ठाकुर हथियार लेकर दिल्ली आ रहा है. उसे धर दबोचने पर उसके पास से पांच पिस्टल और 10 जिंदा कारतूस बरामद हुए, जिससे इस गैंग की परतें खुलनी शुरू हुईं.
गैंग के अन्य सदस्य कहां-कहां से पकड़े गए?
रवि की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने गुरुग्राम से योगेश फोगाट को गिरफ्तार किया, जिसने बैंक ट्रांसफर से हथियारों के लिए पेमेंट की थी. फिर सोनीपत से कुलदीप उर्फ छोटू पकड़ा गया, जो बुलेटप्रूफ स्कॉर्पियो से तस्करी करता था. मथुरा से मीरा और फिरोजाबाद से गिरोह का मास्टरमाइंड संसू खान गिरफ्तार किया गया.
गिरोह के काम करने का तरीका भी हुआ उजागर
पूछताछ में पता चला कि गैंग हथियार मध्य प्रदेश से खरीदता था और सोशल मीडिया पर कोडेड भाषा में डील करता था. पेमेंट UPI और नकद दोनों तरीकों से होती थी. हर डिलीवरी पर 5,000 से 20,000 रुपये तक कमीशन मिलता था.
गैंग की महिला सदस्य मीरा की भूमिका
मीरा एक घरेलू महिला थी जो पति से अलग रहती थी. उसने सोशल मीडिया के जरिए संसू खान से संपर्क साधा और जल्द ही वह गिरोह की भरोसेमंद हथियार ट्रांसपोर्टर बन गई. वह दिल्ली से लेकर मुंबई तक हथियार पहुंचाने में अहम भूमिका निभा रही थी.
मास्टरमाइंड संसू खान की आपराधिक पृष्ठभूमि
गिरोह का मास्टरमाइंड संसू खान उर्फ रेहान पश्चिम बंगाल के हुगली से पूरे ऑपरेशन को चला रहा था ताकि पुलिस और एटीएस की नजरों से बच सके. वह सिवान (बिहार) से नकली नोट मंगवाता था और उन्हीं से हथियार खरीदता था. वह पहले से दो गंभीर मामलों में वांछित है.
जांच अब भी जारी, आतंकी कनेक्शन की भी जांच
दिल्ली पुलिस इस पूरे गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी है. साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि कहीं यह नेटवर्क किसी आतंकी संगठन या विदेशी फंडिंग से तो नहीं जुड़ा है.


