राजौरी में स्वास्थ्य आपातकाल, डॉक्टरों, पैरामेडिक्स की छुट्टियां रद्द
Rajouri health emergency: जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के बडाल गांव में रहस्यमय बीमारी के कारण 17 लोगों की मौत के बाद स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया गया है. प्रशासन ने पूरे गांव को कंटेनमेंट जोन घोषित करते हुए डॉक्टरों और पैरामेडिक्स की छुट्टियां रद्द कर दी हैं. विषाक्त पदार्थों की जांच और मौतों के कारणों का पता लगाने के लिए केंद्रीय टीम और पुलिस कार्रवाई में जुटी हैं.

Rajouri health emergency: जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के कोटरंका के बडाल गांव में रहस्यमय बीमारी से हुई 17 मौतों ने स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति पैदा कर दी है. इस गंभीर स्थिति को देखते हुए राजौरी के सरकारी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) के डॉक्टरों और पैरामेडिक्स की सभी छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं. पूरे गांव को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है, जबकि मृतकों के रिश्तेदारों को आइसोलेशन सेंटर में भेजा गया है.
इस रहस्यमय बीमारी के कारणों का पता लगाने के लिए जांच चल रही है. मृतकों के नमूनों में विषाक्त पदार्थ पाए गए हैं, और केंद्रीय टीम व पुलिस इसकी तहकीकात में जुटी हुई हैं.
बडाल गांव में 17 मौतें
कोटरंका के बडाल गांव में तीन परिवारों के 17 सदस्यों की रहस्यमय बीमारी से मौत हो चुकी है. इनमें से आठ मौतें 12 जनवरी के बाद हुई हैं. इस त्रासदी ने पूरे इलाके को हिला दिया है, जिसके चलते प्रशासन ने बदहाल गांव को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया है. साथ ही सभी सार्वजनिक और निजी कार्यक्रमों पर रोक लगा दी गई है.
200 से ज्यादा रिश्तेदार आइसोलेशन में
शनिवार को पीड़ित परिवारों के करीब 200 रिश्तेदारों को आइसोलेशन सेंटर में भेज दिया गया. वहीं, कुछ अन्य ग्रामीणों को विषाक्त पदार्थों की पहचान के प्रयासों के तहत विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.
डॉक्टरों की छुट्टियां रद्द
जीएमसी राजौरी के प्रिंसिपल डॉ. अमरजीत सिंह भाटिया ने बताया कि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए डॉक्टरों और पैरामेडिक्स की सभी छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं. उन्होंने कहा, "चिकित्सा अलर्ट से निपटने के लिए शीतकालीन अवकाश भी रद्द कर दिया गया है." साथ ही, जम्मू-कश्मीर सरकार ने 10 अतिरिक्त मेडिकल छात्रों को जीएमसी राजौरी में तैनात किया है.
केंद्रीय टीमें और पुलिस कर रही हैं जांच
रहस्यमय बीमारी से जुड़ी मौतों की जांच के लिए केंद्रीय टीम और पुलिस दोनों अलग-अलग स्तर पर काम कर रही हैं. बडाल गांव के मोहम्मद फजल, मोहम्मद असलम और मोहम्मद रफीक के परिवारों के 4 वयस्क और 13 बच्चे बीते डेढ़ महीने में इस बीमारी के कारण जान गंवा चुके हैं.
एसआईटी कर रही आपराधिक पहलुओं की जांच
मृतकों के नमूनों में पाए गए न्यूरोटॉक्सिन के आधार पर गठित 11 सदस्यीय एसआईटी आपराधिक पहलुओं की जांच कर रही है. अब तक इस संबंध में 50 से अधिक लोगों से पूछताछ की जा चुकी है.


