दो बार पाकिस्तान और सबसे ज्यादा फ्रांस...जानें किस-किस देश को मिला गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि बनने का मौका
भारत के गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि की परंपरा 1950 में शुरू हुई थी और अब तक यह जारी है. गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि का चयन भारत की विदेश नीति, द्विपक्षीय रिश्तों और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिहाज से काफी अहम माना जाता है. इससे भारत की विदेश नीति की दिशा और क्षेत्रीय- वैश्विक संबंधों का संकेत मिलता है.

देश आज 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. राजधानी दिल्ली में कतर्व्य पथ पर दुनिया भारत की बढ़ती ताकत को देखेगी. इस गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति को मुख्य अतिथि बनाया गया है. आपको बता दें कि हर साल गणतंत्र दिवस पर एक मुख्य अतिथि को आमंत्रित करने की परंपरा रही है. हालांकि, यह परंपरा 2021 और 2022 में टूट गई. क्योंकि कोविड महामारी का दौर चल रहा था. मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी 2023 के गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि थे. पिछले साल यानी 2024 में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भारत के मुख्य अतिथि थे.
भारत के गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि की परंपरा 1950 में शुरू हुई थी और अब तक यह जारी है. गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि का चयन भारत की विदेश नीति, द्विपक्षीय रिश्तों और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिहाज से काफी अहम माना जाता है. इससे भारत की विदेश नीति की दिशा और क्षेत्रीय- वैश्विक संबंधों का संकेत मिलता है.
किन-किन देशों को किया गया अब तक इनवाइट
गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि के रूप में जिन देशों के प्रमुखों को आमंत्रित किया गया है, उनमें पाकिस्तान, अमेरिका, रूस, फ्रांस, जापान और कई अन्य प्रमुख देश शामिल हैं. आज हम जानेंगे किस देश को गणतंत्र दिवस पर सबसे ज्यादा मौका मिला है. मुख्य अतिथि को बुलाने की योजना कैसे बनाई जाती है और इस परंपरा का अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर क्या प्रभाव पड़ता है.
पाकिस्तान को दो बार मिला मुख्य अतिथि बनने का मौका
भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध हमेशा ही जटिल रहे हैं. लेकिन तनाव और संघर्ष के बावजूद गणतंत्र दिवस समारोह में पाकिस्तान के नेताओं को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया गया है. पाकिस्तान को 1955 और 1965 में भारत के गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि बनाया गया था. 1955 में पाकिस्तान के गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मोहम्मद को गणतंत्र दिवस का मुख्य अतिथि बनाया गया था. वहीं, साल 1965 में पाकिस्तान के कृषि मंत्री राना अब्दुल हामिद भारत के मुख्य अतिथि के रूप में गणतंत्र दिवस में शामिल हुए थे.
बता दें कि जनवरी में हुए इस कार्यक्रम में पाकिस्तान को मिले सम्मान के बाद भी पड़ोसी देश ने नापाक हरकत की थी और 6 महीने बाद ही भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था. भारत-पाकिस्तान के बीच 5 अगस्त 1965 से युद्ध शुरू हुआ था, जो सिंतबर आखिर तक चला था.
सबसे ज्यादा मौका किसे मिला?
अब तक गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि के रूप में सबसे ज्यादा बार फ्रांस के नेताओं को आमंत्रित किया गया है. फ्रांस के नेताओं को 1976, 1980, 1998, 2008, 2016 और 2024 में गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया. यह भारत और फ्रांस के बीच विशेष द्विपक्षीय रिश्तों को दर्शाता है, जो रक्षा, परमाणु ऊर्जा, आतंकवाद, और तकनीकी सहयोग जैसे क्षेत्रों में मजबूत हैं.
फ्रांस और भारत के रिश्तों में रणनीतिक साझेदारी की मिसाल पेश करते हुए दोनों देशों ने कई महत्वपूर्ण समझौते किए हैं, जिनमें रक्षा सौदों, मिसाइल प्रौद्योगिकी, और अंतरिक्ष कार्यक्रम शामिल हैं. फ्रांस के राष्ट्रपति की गणतंत्र दिवस पर उपस्थिति भारत और फ्रांस के द्विपक्षीय रिश्तों के महत्व को और बढ़ाती है और यह दोनों देशों के बीच सहयोग को मजबूत करती है. वहीं, अमेरिका केवल एक बार गणतंत्र दिवस में बतौर मुख्यमंत्री शामिल हुआ था. 2015 में राष्ट्रपति बराक ओबामा इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे.


