मान सरकार की ऐतिहासिक पहल से पंजाब के खेतों में दिखे ये खास बदलाव
पंजाब में 2025 में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में गन्ने की रिकॉर्ड कीमत, फसली विविधता और टिकाऊ कृषि प्रथाओं से किसानों को आर्थिक लाभ और पर्यावरणीय स्थिरता मिली.

पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में वर्ष 2025 में कृषि क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव देखने को मिले हैं. सरकार की पहलें, जैसे गन्ने की रिकॉर्ड कीमत, फसली विविधता को बढ़ावा और टिकाऊ कृषि प्रथाओं को अपनाना, किसानों के लिए लाभ और पर्यावरणीय स्थिरता दोनों सुनिश्चित कर रही हैं.
गुरमीत सिंह खुड्डियां ने क्या कहा?
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि गन्ने की कीमत में इस वर्ष की गई वृद्धि किसानों की मेहनत के सम्मान और उनकी आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की गई. इस साल प्रदेश में गन्ने का स्टेट एग्रीड प्राइस 416 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 15 रुपये अधिक है और यह देश में सबसे उच्च कीमतों में से एक है.
सरकार के प्रयासों से खरीफ सीजन में पराली जलाने की घटनाओं में 53 प्रतिशत कमी आई है. वर्ष 2025 में पराली जलाने के केवल 5,114 मामले सामने आए, जबकि 2024 में यह संख्या 10,909 थी. किसानों को फसली अवशेष प्रबंधन मशीनों पर सब्सिडी भी दी जा रही है. अब तक 1.58 लाख मशीनें उपलब्ध कराई जा चुकी हैं. इस वर्ष 16,000 से अधिक मंजूरी पत्र जारी किए गए.
फसली विविधता को बढ़ावा देने के लिए कपास की खेती के क्षेत्र में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो 1.19 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई. किसानों को बी.टी. कॉटन बीजों पर 33 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है और 52,000 से अधिक किसानों ने ऑनलाइन पंजीकरण कर लाभ उठाया. धान की सीधी बिजाई (डी.एस.आर.) तकनीक से भूमिगत जल संरक्षण में मदद मिली और इस क्षेत्र में 17 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई.
बासमती की खेती में वृद्धि
बासमती की खेती में भी वृद्धि हुई है, जो 6.90 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई, जिससे यह किसानों के लिए लाभदायक विकल्प बनी. फसली विविधता के लिए छह जिलों में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किए गए, जिसमें धान की जगह खरीफ मक्की की खेती कराई गई. इस योजना के तहत किसानों को 17,500 रुपये प्रति हेक्टेयर और अन्य सहायता दी गई, साथ ही बीजों पर सब्सिडी भी उपलब्ध कराई गई.
कृषि मंत्री ने कहा कि इन पहलों से किसानों को सशक्त बनाने और टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देने में मदद मिली है. गन्ने की रिकॉर्ड कीमत, डी.एस.आर. तकनीक, कपास बीजों पर सब्सिडी और फसली विविधता जैसी योजनाएं 2025 में पंजाब की कृषि के लिए मील का पत्थर साबित हुई हैं. सरकार वर्ष 2026 में भी नवीन और पर्यावरण अनुकूल कृषि प्रथाओं पर जोर देगी.


