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स्मृति मंधाना ने श्रीलंका के खिलाफ टी20 मैच में रचा इतिहास, ये काम करने वाली बनीं भारत की दूसरी महिला खिलाड़ी

भारतीय महिला क्रिकेटर स्मृति मंधाना ने श्रीलंका के खिलाफ चौथे टी20 मैच में इंटरनेशनल क्रिकेट में 10000 रन पूरे कर इतिहास रच दिया. वह यह मुकाम हासिल करने वाली भारत की दूसरी महिला क्रिकेटर बनीं, पहले मिताली राज ने यह रिकॉर्ड बनाया था.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

स्पोर्ट्स : भारतीय महिला क्रिकेट टीम की स्टार बल्लेबाज स्मृति मंधाना ने श्रीलंका के खिलाफ खेले जा रहे चौथे टी20 मैच में इतिहास रच दिया. तिरुवनंतपुरम के ग्रीनफील्ड स्टेडियम में जैसे ही मंधाना ने 27वां रन बनाया, उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट में 10000 रन पूरे कर भारत की दूसरी महिला क्रिकेटर बनने का गौरव हासिल किया. इस मुकाम को पहले सिर्फ मिताली राज ने हासिल किया था. मिताली राज के नाम कुल 10,868 रन दर्ज हैं.

सात टेस्ट मैच खेल चुकी है मंधाना

मंधाना ने अब तक भारत के लिए सात टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 629 रन बनाए हैं. उनके बल्ले से इस दौरान दो शतक और तीन अर्धशतक निकले हैं. वनडे में उन्होंने 117 मैचों में 5,322 रन बनाए हैं, जिसमें 14 शतक और 34 अर्धशतक शामिल हैं. टी20 में भी उन्होंने भारतीय महिला क्रिकेट टीम के लिए महत्वपूर्ण रन बनाए हैं. मंधाना और मिताली के अलावा इंटरनेशनल क्रिकेट में न्यूजीलैंड की सुजी बेट्स (10,652 रन) और इंग्लैंड की चार्लोट एडवर्ड्स (10,273 रन) ने यह मुकाम हासिल किया है.

मुश्किल दौर से होकर वापसी
मंधाना ने यह शानदार रिकॉर्ड ऐसे समय में हासिल किया जब वे व्यक्तिगत जीवन में काफी संघर्षों से गुजर रही थीं. उनकी 23 नवंबर को शादी तय थी, लेकिन शादी अचानक टूट गई. शादी वाले दिन ही उनके पिता बीमार पड़ गए, जिससे कार्यक्रम को अनिश्चितकाल के लिए टालना पड़ा. मंधाना ने बाद में सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से इस बात की जानकारी दी और बताया कि उनकी और पलाश मुच्छल की शादी अब नहीं हो रही है.

साहस और समर्पण का उदाहरण
इस कठिन दौर में भी मंधाना ने क्रिकेट में अपने प्रदर्शन को जारी रखा और यह साबित किया कि वे मानसिक और भावनात्मक चुनौतियों का सामना करके भी अपने करियर में उत्कृष्टता हासिल कर सकती हैं. उनके संघर्ष और सफलता ने उन्हें युवा महिला खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना दिया है.

स्मृति मंधाना ने न केवल 1000 इंटरनेशनल रन बनाने का गौरव हासिल किया है, बल्कि जीवन की कठिन परिस्थितियों में भी उत्कृष्ट खेल और मानसिक दृढ़ता का उदाहरण प्रस्तुत किया है. यह उपलब्धि उन्हें भारतीय महिला क्रिकेट के इतिहास में एक यादगार स्थान दिलाती है.

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