चश्मे के पीछे छिपा सच बाहर आया! मंडप में दुल्हन ने लिया चौंकाने वाला फैसला... खाली हाथ लौटी बारात
जब दूल्हा मंडप में पहुंचा और दुल्हन के सामने खड़ा हुआ, तभी कुछ महिलाओं के बीच धीरे-धीरे बातें होने लगी. इन फुसफुसाहटों की आवाज दुल्हन तक भी पहुंच गई. उसे पता चला कि दूल्हे को एक आंख ठीक से नहीं दिखता और वह आंखों की कमजोरी को चश्मे के पीछे छिपा कर आया है.

पश्चिमी चंपारण: बिहार के पश्चिमी चंपारण से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जहां जश्न का दिन उस समय पूरी तरह से तमाशे में बदल गया, जब एक दुल्हन ने शादी करने से मना कर दिया. सहोदरा थाना क्षेत्र के बनबैरिया गांव में एक विवाह समारोह चल रहा था, घर सजाए जा चुके थे, रिश्तेदार जमा थे और बारात बैतापुर गांव से बड़े ही शोर-शराबे और धूमधाम के साथ पहुंच चुकी थी. हर तरफ खुशियों का माहौल था, लेकिन द्वारपूजा की रस्म के दौरान अचानक स्थिति पूरी तरह बदल गई.
आंखों की कमजोरी को छिपाया गया
जब दूल्हा मंडप में पहुंचा और दुल्हन के सामने खड़ा हुआ, तभी कुछ महिलाओं के बीच धीरे-धीरे बातें होने लगी. इन फुसफुसाहटों की आवाज दुल्हन तक भी पहुंच गई. उसे पता चला कि दूल्हे को एक आंख ठीक से नहीं दिखता और वह आंखों की कमजोरी को चश्मे के पीछे छुपा कर आया है. इसके अलावा, दूल्हे के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर भी पहले से संदेह जताया जा रहा था.
दुल्हन ने शादी करने से किया मना
जैसे ही यह बात स्पष्ट हुई कि कुछ चीजें जानबूझकर छिपाई गई थीं, दुल्हन हैरान रह गई. दुल्हन ने वहीं खड़े-खड़े शादी से इंकार कर दिया. उसने अपने परिजनों से साफ कहा कि उससे सच छुपाकर शादी नहीं करवाई जा सकती. जब दोनों परिवारों की ओर से दबाव बढ़ा, तो दुल्हन ने यहां तक कह दिया कि अगर उसे मजबूर किया गया, तो वह खुद को नुकसान पहुंचा सकती है. उसके इस बयान के बाद सभी शांत हो गए और माहौल और भी गंभीर हो गया.
मौके पर पहुंची पुलिस
धीरे-धीरे दोनों पक्षों में बहस और झगड़े जैसा माहौल बनने लगा. बारातियों में अफरा-तफरी की स्थिति पैदा हो गई. गांव के लोग भी घबराकर इधर-उधर होने लगे. इसी बीच पुलिस को घटना की जानकारी मिली और सहोदरा थाना की टीम मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभालने लगी.
करीब दो घंटे तक पंचायत जैसा माहौल बना रहा. बातचीत के दौरान दुल्हन के भाई ने भी बहन का पक्ष लिया और कहा कि धोखे में रखकर शादी नहीं की जा सकती. यदि किसी ने दबाव डालने की कोशिश की, तो गंभीर परिणाम हो सकते हैं. आखिरकार सबको समझाकर मामला शांत किया गया. दूल्हा पक्ष को खाली हाथ लौटना पड़ा और बारात बिना शादी किए बैतापुर वापस चली गई. खुशियों से भरा गांव पलभर में उदासी से भर गया.


