iPhone में खराबी, लेकिन कंपनी ने नहीं माना! अब एप्पल और क्रोमा को लौटाने होंगे ₹65,000, साथ में मुआवजा भी
मुंबई उपभोक्ता आयोग ने iPhone 11 की तकनीकी खराबी और खराब सेवा को लेकर Apple इंडिया और क्रोमा को दोषी ठहराया है. शिकायतकर्ता की मौत के बाद भी जारी कानूनी लड़ाई में आयोग ने दोनों कंपनियों को रिफंड, ब्याज और मुआवजा देने का आदेश दिया.

मुंबई के एक ग्राहक द्वारा क्रोमा से खरीदे गए iPhone 11 को लेकर उपभोक्ता आयोग ने एप्पल इंडिया और इंफिनिटी रिटेल लिमिटेड (क्रोमा) दोनों को दोषी ठहराया है. आयोग ने फोन में पाई गई तकनीकी खामी और खराब ग्राहक सेवा को स्पष्ट सेवा में कमी करार दिया है और दोनों कंपनियों को संयुक्त रूप से मुआवजा देने का आदेश दिया है. ये मामला तब और भी संवेदनशील हो गया जब शिकायतकर्ता की मौत हो गई, लेकिन उनके परिजनों ने कानूनी लड़ाई जारी रखी और अंततः न्याय प्राप्त किया. आयोग ने एप्पल के उस तर्क को भी खारिज कर दिया जिसमें कंपनी ने फोन में अनधिकृत बदलाव का हवाला देकर मरम्मत से इनकार कर दिया था.
क्रोमा से खरीदा था iPhone 11, आई तकनीकी खराबी
शिकायतकर्ता ने 4 जून 2021 को मुंबई के एक क्रोमा स्टोर से iPhone 11 खरीदा था. हालांकि, कुछ ही समय बाद फोन में गंभीर खराबी सामने आई- कॉल के दौरान स्पीकरफोन से आवाज ट्रांसमिट नहीं हो रही थी. फोन को एप्पल के एक अधिकृत सर्विस सेंटर ले जाने पर मरम्मत से इनकार कर दिया गया. कंपनी ने दावा किया कि फोन में 'अनधिकृत बदलाव' किए गए हैं, जिसके चलते वारंटी रद्द हो गई है. ग्राहक ने कई बार एप्पल और क्रोमा दोनों को ईमेल और शिकायतें भेजीं, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला, जिसके बाद उपभोक्ता आयोग का दरवाजा खटखटाया गया.
नहीं रहे शिकायतकर्ता फिर भी कानूनी लड़ाई जारी
मामले की सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता का निधन हो गया, लेकिन उनके कानूनी वारिसों ने केस को आगे बढ़ाया. एप्पल ने अपनी जवाबी दलील में खरीद और माइक्रोफोन की समस्या को स्वीकारा, लेकिन साथ ही 'अनधिकृत बदलाव' की बात पर अड़ा रहा. दूसरी ओर, क्रोमा आयोग के समक्ष पेश नहीं हुआ और उसके खिलाफ एकतरफा कार्यवाही की गई.
आयोग ने खारिज किया एप्पल का वारंटी वाला तर्क
उपभोक्ता आयोग ने स्पष्ट कहा कि एप्पल ये स्पष्ट करने में असफल रहा कि ग्राहक ने वारंटी की किस विशिष्ट शर्त का उल्लंघन किया है. आदेश में कहा गया कि केवल वारंटी की सामान्य शर्तों का हवाला देना पर्याप्त नहीं है कि ये कहा जाए कि डिवाइस में कोई अनधिकृत बदलाव किया गया है या सॉफ्टवेयर से कोई छेड़छाड़ की गई है.
विक्रेता भी जिम्मेदार, क्रोमा नहीं बच सकता जिम्मेदारी से
आयोग ने क्रोमा द्वारा एप्पल पर दोष मढ़ने के प्रयास को भी नकारते हुए कहा कि एक बार उत्पाद किसी विक्रेता द्वारा बेचा जाता है तो विक्रेता ये सुनिश्चित करने का जिम्मेदार होता है कि वो दोषरहित हो और सेवायोग्य हो. आदेश में कहा गया कि यह मामला प्रतिवादी उत्तरदायित्व (vicarious liability) का है, जिसमें विक्रेता बिक्री से वाणिज्यिक लाभ उठाने के बाद जिम्मेदारी से बच नहीं सकता.
परिवार को मिलेगा रिफंड, ब्याज और मुआवजा
आयोग ने प्रस्तुत दस्तावेजों और साक्ष्यों के आधार पर निष्कर्ष निकाला कि डिवाइस में स्पष्ट दोष था और सेवा में कमी भी स्पष्ट थी. एप्पल और क्रोमा दोनों को संयुक्त रूप से इस सेवा में कमी के लिए उत्तरदायी ठहराया गया.आयोग ने एप्पल इंडिया और क्रोमा को आदेश दिया कि वे iPhone की कीमत ₹65,264 ग्राहक के परिजनों को लौटाएं, साथ ही 6% वार्षिक ब्याज अगस्त 6, 2021 से वास्तविक भुगतान की तिथि तक दें. इसके अतिरिक्त, आयोग ने ₹15,000 मानसिक पीड़ा के लिए और ₹2,000 कानूनी खर्च के रूप में मुआवजे के तौर पर देने का निर्देश भी दिया.


