'मुझे स्कूल नहीं जाना मत भेजो...', 9 साल की मासूम ने स्कूल की बिल्डिंग से लगाई छलांग, पैरेंट्स का दिल दहला देने वाला खुलासा
जांचकर्ताओं ने क्लासरूम के CCTV फुटेज को खंगाला और जो कुछ सामने आया, वो रोंगटे खड़े कर देने वाला है. वीडियो में साफ दिख रहा है कि कूदने से ठीक कुछ मिनट पहले, अमायरा दो बार अपनी टीचर के पास गईं. पहली बार वो कुछ कहती हुई नजर आती हैं फिर वापस अपनी सीट पर लौटती हैं.

जयपुर: जयपुर में एक नौ साल की अमायरा की रोती हुई आवाज आज भी गूंजती है. एक साल पुरानी व्हाट्सएप रिकॉर्डिंग में चौथी क्लास की यह मासूम बच्ची फफक कर कह रही है 'मुझे स्कूल नहीं जाना... मुझे मत भेजो.' मां शिवानी मीणा ने यह ऑडियो अपनी बेटी की क्लास टीचर को भेजा था, उम्मीद थी कि स्कूल को बच्ची के दर्द का अहसास होगा. लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.एक साल बाद, 1 नवंबर को जयपुर के प्रतिष्ठित नीर्जा मोदी स्कूल की चौथी मंजिल से नौ साल की अमायरा ने छलांग लगा दी. मौके पर ही उसकी मौत हो गई. माता-पिता का आरोप है कि डर, छेड़छाड़ और यौन संकेतों वाली गालियों की बार-बार शिकायतों को स्कूल ने अनदेखा किया गया. अब परिवार न्याय मांग रहा है. आखिर उनकी बच्ची की चीखें क्यों नहीं सुनी गईं?
मां की बार-बार की गुहार अनसुनी
शिवानी मीणा ने बताया कि मैंने क्लास टीचर से बात की, कोऑर्डिनेटर से कई बार बात की, लेकिन हर बार मुझे टाल दिया गया या अनदेखा कर दिया गया.
पिता ने पीटीएम में उठाया था मुद्दा
विजय मीणा ने कहा कि पीटीएम में कुछ बच्चों ने अमायरा और एक लड़के की तरफ इशारा किया. शर्मिंदगी से अमायरा पिता के पीछे छिप गई. विजय ने टीचर से शिकायत की. टीचर ने कहा कि यह को-एड स्कूल है, अमायरा को सभी बच्चों से, लड़कों से भी बात करना सीखना चाहिए. मैंने कहा कि ‘लड़कों से बात न करना मेरी बेटी का चुनाव है.
सीसीटीवी फुटेज उठा रहा सवाल
जांचकर्ताओं द्वारा देखे गए क्लासरूम सीसीटीवी फुटेज में अमायरा छलांग लगाने से कुछ मिनट पहले दो बार टीचर के पास जाती दिखी. क्या कहा, यह पता नहीं क्योंकि सीबीएसई गाइडलाइंस के बावजूद फुटेज में ऑडियो नहीं है.
स्कूल की लापरवाही पर परिवार का गुस्सा
अमायरा के चाचा साहिल ने सवाल उठाए कि हम जवाब चाहते हैं. 5000 से ज्यादा बच्चों वाले छह मंजिला भवन में अतिरिक्त मंजिलों की परमिशन कैसे मिली बिना ग्रिल या जाली के? यह सबसे बुनियादी सुरक्षा है. खुले फ्लोर पर इतने बच्चे – यह कैसे मुमकिन है? सीबीएसई नियमों के अनुसार सीसीटीवी में ऑडियो क्यों नहीं? 15 दिन का फुटेज क्यों नहीं? जयपुर का नामी स्कूल, मोटी फीस, लेकिन जवाबदेही कहां?
पुलिस और शिक्षा विभाग की जांच शुरू
जयपुर के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस राजर्षि राज वर्मा ने एनडीटीवी से कहा कि हमने माता-पिता के बयान लिए हैं, हर डिटेल वेरिफाई कर रहे हैं. माता-पिता शॉक में थे, अब उनकी हर चिंता को रिकॉर्ड कर जांच करेंगे.जिला शिक्षा अधिकारी (प्राइमरी) रामनिवास शर्मा ने कहा कि अगले दो-तीन दिन में पुलिस की मौजूदगी में माता-पिता के बयान दर्ज होंगे. बैड वर्ड्स के इस्तेमाल पर अधिकारी ने कहा कि यह उनके संज्ञान में नहीं आया, लेकिन कुछ बच्चों ने बताया कि उस दिन अमायरा स्कूल नहीं जाना चाहती थी और कुछ अन्य बच्चों ने भी गंदी भाषा की शिकायत की थी. लेकिन स्कूल के तरफ से अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की गई है.


