कर्नाटक मंत्री के खिलाफ छापेमारी: डीके शिवकुमार के 'वेडिंग गिफ्ट' पर क्या है सच्चाई?
कर्नाटक में सोना तस्करी मामले को लेकर गृह मंत्री जी परमेश्वर पर छापेमारी हो रही है. इस बीच, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने एक दिलचस्प बयान दिया जिसमें उन्होंने कहा कि मंत्री ने अभिनेता रान्या राव को बस एक शादी का तोहफा दिया था और इसमें कुछ गलत नहीं है. लेकिन क्या ये सच में बस एक तोहफा था या कुछ और?

Karnataka: कर्नाटक में सोना तस्करी मामले में गृह मंत्री जी परमेश्वर पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी के बीच, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने एक नया मोड़ ले लिया है. यह मामला काफी संवेदनशील हो गया है, जहां एक तरफ ईडी जांच कर रही है वहीं दूसरी ओर डीके शिवकुमार ने इस मुद्दे पर अपनी बात रखी है.
'शादी का तोहफा' या कुछ और?
डीके शिवकुमार ने कहा कि जी परमेश्वर ने उन्हें बताया कि वह अभिनेता रान्या राव को शादी का तोहफा देने के लिए कुछ उपहार दिए थे. उनका कहना था, "हम सार्वजनिक जीवन में हैं, हम अक्सर अपने जान-पहचान वालों को उपहार देते हैं. इसमें कुछ भी गलत नहीं है." शिवकुमार ने यह भी साफ किया कि जिस तरह के आरोप रान्या राव पर हैं, उन्हें कोई भी राजनेता समर्थन नहीं करेगा, लेकिन यह एक निजी मामला है और कानून को अपना काम करने दिया जाना चाहिए.
ईडी की छापेमारी और जी परमेश्वर की प्रतिक्रिया
इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने कर्नाटक के गृह मंत्री से जुड़े कई शैक्षणिक संस्थानों पर छापेमारी की है. ईडी इस मामले की जांच धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कर रही है. एजेंसी का आरोप है कि रान्या राव से जुड़े हवाला ऑपरेटरों ने कथित तौर पर उनके खातों में 'फर्जी' लेन-देन किए. इस पर जी परमेश्वर ने कहा कि जांचकर्ताओं से पूरी तरह से सहयोग किया जाएगा और सभी वित्तीय रिकॉर्ड सौंपे जाएंगे.
शादी के उपहार और 40 लाख रुपये का रहस्य
इस बीच, जी परमेश्वर से जुड़े संस्थान के खाते से रान्या राव के क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान करने के मामले में एक और मोड़ आया है. ईडी ने दावा किया कि एक शिक्षा ट्रस्ट ने रान्या राव के क्रेडिट कार्ड बिल के लिए 40 लाख रुपये का भुगतान किया, लेकिन इस भुगतान से जुड़े कोई सहायक दस्तावेज या वाउचर नहीं मिले.
रान्या राव की गिरफ्तारी और तस्करी के आरोप
रान्या राव, जो अभिनेत्री भी हैं, को 3 मार्च को दुबई से बेंगलुरु एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया था. उनके पास से 12 किलो सोने की छड़ें जब्त की गई थीं, जिनकी कीमत करीब 12 करोड़ रुपये थी. रान्या पर विदेशी मुद्रा संरक्षण और तस्करी के आरोप भी लगाए गए हैं, जिसके तहत उन्हें जमानत नहीं मिल पाई और वे जेल में रह रही हैं.
क्या कहता है कर्नाटक का राजनीतिक ड्रामा?
इस छापेमारी और बयानबाजी के बीच कर्नाटक की राजनीति गर्म हो गई है. डीके शिवकुमार ने जहां यह कहा कि यह एक निजी मामला है और इसमें कोई गलत नहीं है, वहीं जी परमेश्वर ने भी छापेमारी को लेकर ईडी से सहयोग करने की बात कही. इस बीच, चुनावी राजनीति और सरकारी अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं.
कर्नाटक में इस राजनीतिक घटनाक्रम ने पूरी तरह से मीडिया और जनता का ध्यान खींचा है. अब यह देखना होगा कि जांच में क्या नया मोड़ आता है और इस मामले में और किस तरह के राजनैतिक और कानूनी चक्रव्यूह बनते हैं.