केरल स्थानीय निकाय चुनाव 2025 रिजल्टः यूडीएफ और एलडीएफ में कांटे की टक्कर, शशि थरूर के गढ़ में एनडीए आगे
केरल के स्थानीय निकाय चुनावों की मतगणना शुरू होते ही एलडीएफ और यूडीएफ के बीच कड़ी टक्कर दिखी. शुरुआती रुझानों को 2026 विधानसभा चुनावों का संकेतक माना जा रहा है. वार्ड स्तर पर कांग्रेस आगे दिखी.

कोच्चिः केरल में दो चरणों में संपन्न हुए स्थानीय निकाय चुनावों के लिए शनिवार सुबह 8 बजे से मतगणना शुरू हो गई. इन चुनावों के तहत कुल 1,199 स्थानीय निकायों के लिए मतदान कराया गया था. मतगणना राज्यभर में बनाए गए 244 केंद्रों और 14 जिला कलेक्टर कार्यालयों में एक साथ शुरू हुई. शुरुआती रुझानों पर पूरे राज्य की राजनीतिक नजरें टिकी रहीं, क्योंकि इन नतीजों को 2026 में होने वाले विधानसभा चुनावों का सेमीफाइनल माना जा रहा है.
एलडीएफ और यूडीएफ के बीच कड़ी टक्कर
सुबह करीब 9:30 बजे तक के रुझानों में सत्तारूढ़ लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) 261 ग्राम पंचायतों में बढ़त बनाए हुए था. वहीं, कांग्रेस के नेतृत्व वाला विपक्षी यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) 228 ग्राम पंचायतों में आगे चल रहा था. शुरुआती आंकड़े यह संकेत दे रहे थे कि दोनों प्रमुख मोर्चों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है.
वार्ड स्तर पर किसका दबदबा?
राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) द्वारा जारी शुरुआती आंकड़ों के अनुसार, स्थानीय निकायों के विभिन्न वार्डों में कांग्रेस की स्थिति मजबूत नजर आई. कांग्रेस 387 वार्डों में आगे चल रही थी, जबकि सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाला एलडीएफ 283 वार्डों में बढ़त बनाए हुए था. भाजपा के नेतृत्व वाला एनडीए 71 वार्डों में आगे था, वहीं अन्य दल और निर्दलीय उम्मीदवार 59 वार्डों में आगे चल रहे थे. यह आंकड़े दिखाते हैं कि राज्य की राजनीति में अभी भी बहुकोणीय मुकाबला बना हुआ है.
मतगणना के दौरान आईं कुछ चुनौतियां
मतगणना प्रक्रिया के दौरान कुछ केंद्रों पर अव्यवस्था की खबरें भी सामने आईं. तिरुवनंतपुरम, पलक्कड़ और वडाकारा जैसे क्षेत्रों में बूथ एजेंटों और उम्मीदवारों के प्रवेश को लेकर विवाद की स्थिति बनी. हालांकि प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करते हुए मतगणना प्रक्रिया को सुचारू रूप से आगे बढ़ाया. चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं.
2026 विधानसभा चुनाव के लिए अहम संकेत
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि स्थानीय निकाय चुनावों के ये नतीजे 2026 में होने वाले केरल विधानसभा चुनावों की दिशा और दशा तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे. इन चुनावों से यह साफ होगा कि जनता का झुकाव किस मोर्चे की ओर है और किसे अपनी रणनीति में बदलाव करने की जरूरत है. खासकर एलडीएफ सरकार के कामकाज को लेकर जनता की राय इन नतीजों में झलक सकती है.
21 दिसंबर को शपथ ग्रहण समारोह
चुनाव आयोग के कार्यक्रम के अनुसार, निर्वाचित पंचायत सदस्यों और नगर पार्षदों का शपथ ग्रहण समारोह 21 दिसंबर को सुबह 10 बजे आयोजित किया जाएगा. वहीं, नगर निगम पार्षदों का शपथ ग्रहण उसी दिन सुबह 11 बजे होगा. इसके साथ ही स्थानीय निकायों में नई सरकारें औपचारिक रूप से कार्यभार संभाल लेंगी.
राजनीतिक हलचल तेज
जैसे-जैसे मतगणना आगे बढ़ रही है, केरल की राजनीति में हलचल तेज होती जा रही है. सभी प्रमुख दल परिणामों के आधार पर अपनी आगामी रणनीति तैयार करने में जुट गए हैं. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि अंतिम नतीजे किस मोर्चे को बढ़त दिलाते हैं और राज्य की राजनीति को किस दिशा में ले जाते हैं.


