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छत्तीसगढ़ के भूमिहीन मजदूरों को मिलेंगे 10,000 रुपये प्रति वर्ष: मुख्यमंत्री

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सोमवार को भूमिहीन कृषि मजदूरों को प्रति वर्ष 10,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करने की योजना शुरू की और कहा कि इस उपाय से उनकी आय बढ़ेगी और उनका भविष्य सुरक्षित होगा. सरकार ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना के तहत 5.62 लाख से अधिक लाभार्थियों को कवर किया जाएगा.

Suraj Mishra
Edited By: Suraj Mishra

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सोमवार को भूमिहीन कृषि मजदूरों को प्रति वर्ष 10,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करने की योजना शुरू की और कहा कि इस उपाय से उनकी आय बढ़ेगी और उनका भविष्य सुरक्षित होगा.

सरकार ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना के तहत 5.62 लाख से अधिक लाभार्थियों को कवर किया जाएगा, जिसमें भूमिहीन कृषि मजदूरों के अलावा आर्थिक रूप से कमजोर सामाजिक समूहों को भी शामिल किया गया है.

सालाना 10,000 रुपये की वित्तीय सहायता

रायपुर के न्यू सर्किट हाउस में योजना को शुरू करने के लिए आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए साय ने कहा कि इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 2023 के चुनाव से पहले राज्य की जनता को दी गई एक और गारंटी (चुनावी वादा) पूरी हो गई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत भूमिहीन खेत मजदूरों को (एक ही किस्त में) सालाना 10,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी.

कृषि पर निर्भर

उन्होंने कहा, “छत्तीसगढ़ में बड़ी आबादी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है। ऐसे लोग भी हैं जिनके पास कृषि भूमि भी नहीं है और वे खेत मजदूर के रूप में अपनी आजीविका कमाते हैं. इसे ध्यान में रखते हुए, हमने भूमिहीन कृषि मजदूर भाइयों और बहनों से (2023 के विधानसभा चुनावों के दौरान वित्तीय सहायता प्रदान करने का) वादा किया था."

मुख्यमंत्री ने कहा कि कल्याणकारी कार्यक्रम से कुल 5,62,112 लोग लाभान्वित होंगे और उन्हें प्रति वर्ष 562.11 करोड़ रुपये प्रदान किए जाएंगे. उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों की शुद्ध आय में वृद्धि करके उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करना है. इस योजना से न केवल उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि उनके बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और भविष्य भी सुरक्षित होगा. यह योजना उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का माध्यम बनेगी."

भूमिहीन परिवारों को किया गया शामिल

साय ने बताया कि इस योजना में भूमिहीन कृषि मजदूरों के साथ-साथ वनोपज संग्राहक, चरवाहे, बढ़ई, लोहार, मोची, नाई आदि भूमिहीन परिवारों को भी शामिल किया गया है. इसके अलावा, अनुसूचित क्षेत्रों में आदिवासियों के मंदिरों में पूजा करने वाले पुजारी, बैगा, गुनिया, माझी परिवारों को भी लाभार्थी के रूप में शामिल किया गया है. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कुछ लाभार्थियों को 10,000 रुपये के चेक वितरित किये.

इस खबर को जनभावना टाइम्स ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की हुई है.

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20 January 2025, 08:17 PM IST

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