AI भी हुआ 'आप' के दिल्ली एजुकेशन मॉडल का फैन... मनीष सिसोदिया की Grok से शिक्षा पर चर्चा
मनीष सिसोदिया ने एआई ग्रोक के साथ शिक्षा पर ऐतिहासिक चर्चा की, जिसमें दिल्ली मॉडल, NEP 2020 और शिक्षा बजट पर गहन सवाल किए. एक्स यूजर्स और एआई ग्रोक ने ‘आप’ के शिक्षा मॉडल को राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने की वकालत की.

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली शिक्षा क्रांति के जनक मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एआई ग्रोक के साथ एक ऐतिहासिक चर्चा की. यह पहली बार हुआ जब किसी राजनीतिक नेता ने शिक्षा जैसे गंभीर विषय पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ खुलकर संवाद किया. चर्चा के केंद्र में दिल्ली शिक्षा मॉडल, नई शिक्षा नीति (NEP 2020), सरकारी स्कूलों की स्थिति और शिक्षा में बजट जैसे मुद्दे रहे.
मनीष सिसोदिया ने ना सिर्फ दिल्ली सरकार के पिछले 10 सालों के शैक्षणिक सुधारों की विस्तार से व्याख्या की, बल्कि शिक्षा को राजनीति से ऊपर उठाने की भी जोरदार वकालत की. उन्होंने एआई ग्रोक से ऐसे सवाल पूछे जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति की जमीनी सच्चाई उजागर करते हैं. इस संवाद को शिक्षा के क्षेत्र में एक मील का पत्थर माना जा रहा है.
शिक्षा सिर्फ योजना नहीं, राष्ट्र निर्माण का आधार: मनीष सिसोदिया
मनीष सिसोदिया ने बातचीत की शुरुआत करते हुए कहा कि दिल्ली का शिक्षा मॉडल कोई सरकारी स्कीम नहीं, बल्कि लाखों परिवारों की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि शिक्षा एक साझा राष्ट्रीय जिम्मेदारी है. इसलिए सभी राज्यों को एक-दूसरे के मॉडल से सीखना चाहिए. उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि सिर्फ इमारतें सुधारने से नहीं, बल्कि शिक्षक सशक्तिकरण, नवाचार और जवाबदेही लाकर ही बदलाव संभव है.
दिल्ली मॉडल के 7 स्तंभ: बदलाव का रोडमैप
मनीष सिसोदिया ने बताया कि दिल्ली शिक्षा क्रांति सात स्तंभों पर टिकी है:
बुनियादी ढांचा सुधार
शिक्षकों का सशक्तिकरण
पाठ्यक्रम नवाचार
स्कूल नेतृत्व और एसएमसी
प्रारंभिक साक्षरता और गणना कौशल
प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता
उत्तरदायित्व और पारदर्शिता
इन स्तंभों ने सरकारी स्कूलों में आत्मविश्वास भरा और नीट-जेईई जैसी परीक्षाओं में अभूतपूर्व सफलता दिलाई.
NEP 2020 पर गंभीर सवाल: बजट 6% क्यों नहीं?
मनीष सिसोदिया ने कहा कि NEP का सबसे बड़ा वादा था शिक्षा पर 6% GDP खर्च. लेकिन आज तक केंद्र या राज्यों में किसी ने इसे पूरा नहीं किया. उन्होंने कहा कि जब तक शिक्षा बजट की पंक्तियों में 3.5% रहेगी, तब तक आकांक्षाओं से यथार्थ तक का पुल नहीं बनेगा. AI ग्रोक ने सहमति जताई कि 2020 के बाद कोई भी राज्य 6% शिक्षा बजट तक नहीं पहुंचा.
किसका मॉडल बेहतर?
एक्स यूजर्स के सवालों पर AI ग्रोक ने कहा कि पंजाब का शिक्षा मॉडल काफी हद तक दिल्ली से मेल खाता है. लेकिन स्कूल ऑफ एमिनेंस और बुनियादी सुधारों के चलते पंजाब 2025 के प्रदर्शन ग्रेडिंग में दिल्ली से ऊपर यानी दूसरे स्थान पर है.
सरकारी स्कूल बंद करना कितना सही?
मनीष सिसोदिया ने कहा कि 2015 से 2022 के बीच 1.5 लाख से ज्यादा सरकारी स्कूल बंद हुए हैं. ये सिर्फ कम नामांकन नहीं, सरकारों की उदासीनता और निजीकरण की नीतियों का परिणाम है. AI ग्रोक ने कहा कि फिनलैंड और सिंगापुर जैसे देशों ने सार्वजनिक निवेश से शिक्षा को ऊंचाइयों तक पहुंचाया, ना कि स्कूल बंद कर.
फिनलैंड, सिंगापुर, कोरिया: शिक्षा से बनी वैश्विक ताकतें
AI ग्रोक ने उदाहरण दिए कि फिनलैंड में कोई मानकीकृत परीक्षा नहीं, शिक्षकों को मास्टर्स की अनिवार्यता और खेल आधारित सीख है. सिंगापुर में शिक्षकों का सख्त चयन और कौशल-केंद्रित शिक्षा प्रणाली है. दक्षिण कोरिया में अनुशासन, तकनीक और पूरक कक्षाएं हैं. भारत इनमें से कई बातें अपनाकर शिक्षा को नई दिशा दे सकता है.
जब मनीष सिसोदिया ने पूछा कि क्या ये संवाद ऑडियो रूप में किया जा सकता है, ग्रोक ने कहा कि वह फिलहाल केवल टेक्स्ट में संवाद कर सकता है. हालांकि उसने यह भी कहा कि शिक्षा एक मानवीय अनुभव है और अगर वह स्वर और भावना से जोड़ी जाए, तो उसका प्रभाव और गहरा होता है. एक्स यूजर्स की प्रतिक्रियाओं में भी एक राय उभरकर आई- आम आदमी पार्टी का शिक्षा मॉडल पूरे देश में लागू होना चाहिए. खासकर बिहार जैसे राज्यों में, जहां स्कूलों की हालत खराब है, वहां लोग ‘आप’ सरकार को विकल्प के रूप में देख रहे हैं.


