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उलझी दिल्ली लाल किले धमाके की गुत्थी...जानिए गुरुग्राम से पुलवाम तक कैसे पहुंची i20 कार

दिल्ली ब्लास्ट में जिस i20 गाड़ी का इस्तेमाल किया गया उसके पहले मालिक गुरुग्राम के सलमान थे. जिसके बाद उन्होंने अपनी गाड़ी ओखला निवासी देवेंद्र को बेच दी थी. फिर देवेंद्र ने इस गाड़ी को अंबाला के किसी शख्स को बेच दिया था. अंबाला के मालिक ने इस गाड़ी को पुलवामा के तारिक को बेच दी थी.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

नई दिल्ली : दिल्ली में लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए कार धमाके ने पूरे देश को हिला दिया है. इस i20 कार का पहला मालिक गुरुग्राम का मोहम्मद सलमान निकला है. पुलिस जांच में यह सामने आया है कि यह कार कई बार हाथ बदलते हुए जम्मू-कश्मीर के पुलवामा तक पहुंची थी, और आखिरकार दिल्ली में धमाके में इस्तेमाल हुई. हालांकि पुलिस ने अभी तक इसे औपचारिक रूप से आतंकी हमला नहीं कहा है, लेकिन जांच के रुख से यही संकेत मिल रहे हैं.

कार की बिक्री का सिलसिला

आपको बता दें कि जांच में पता चला है कि मोहम्मद सलमान ने यह i20 कार करीब डेढ़ साल पहले दिल्ली के ओखला निवासी देवेंद्र को बेची थी. इसके बाद देवेंद्र ने यह कार अंबाला में किसी व्यक्ति को बेच दी. वहां से यह वाहन पुलवामा के तारिक नाम के व्यक्ति तक पहुंचा. अब पुलिस इस पूरी चेन को ट्रेस कर रही है ताकि पता लगाया जा सके कि आखिर कार किसने खरीदी और किसने इसमें विस्फोटक सामग्री रखी.

कार के पहले मालिक से पूछताछ
धमाके के बाद दिल्ली और गुरुग्राम पुलिस की संयुक्त टीम ने कार के पहले मालिक मोहम्मद सलमान को हिरासत में लेकर पूछताछ की. सलमान गुरुग्राम के शांति नगर इलाके में रहा करता था. पुलिस ने उस मकान मालिक दिनेश और उसके परिवार से भी पूछताछ की, जिनके घर में सलमान 2016 से 2020 तक किराए पर रहा था. दिनेश की मां वीरवती ने बताया कि पुलिस उनके बेटे को भी पूछताछ के लिए ले गई है.


किराए के मकान पर रहता था सलमान 
वीरवती ने कहा, “हमने अपना मकान 2015 में बनाया था, और सलमान अगले साल हमारे यहां किराए पर आया था. वह अपनी पत्नी, दो बच्चों और मां के साथ रहता था. चार साल रहने के बाद उसने अपना फ्लैट खरीद लिया और वहीं चला गया.” परिवार का कहना है कि उसके जाने के बाद से उनका सलमान से कोई संपर्क नहीं रहा.

अब तक 12 लोगों की मौत की पुष्टि
धमाके में अब तक 12 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. पुलिस का मानना है कि इस कार को जानबूझकर चुना गया ताकि इसके असली मालिकों तक पहुंचना मुश्किल हो. कई हाथों में गुजरने के कारण इसका ट्रैक रखना कठिन हो गया है. सुरक्षा एजेंसियां अब यह जांच रही हैं कि क्या यह कार किसी आतंकी साजिश का हिस्सा थी या किसी अन्य आपराधिक गतिविधि के लिए इस्तेमाल की गई. फिलहाल, फॉरेंसिक टीम और एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) के अधिकारी भी इस मामले में सक्रिय हैं और कार के रजिस्ट्रेशन ट्रेल, मोबाइल डेटा और सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण किया जा रहा है.

घटना किसी बड़ी साजिश का हिस्सा 
लाल किला धमाके की जांच अब उस दिशा में बढ़ रही है जहां यह घटना किसी बड़ी साजिश का हिस्सा लग रही है. गुरुग्राम से पुलवामा और फिर दिल्ली तक पहुंची यह कार कई रहस्यों को अपने साथ समेटे हुए है. पुलिस सभी कड़ियों को जोड़कर यह समझने की कोशिश कर रही है कि यह सिर्फ एक हादसा था या देश की राजधानी को दहलाने की सुनियोजित कोशिश.

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11 November 2025, 04:55 PM IST

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