इतिहास और विकास को साथ जोड़ता उत्तराखंड सरकार का नया कदम, अब बदलेंगे स्कूलों के नाम
उत्तराखंड सरकार ने सरकारी स्कूलों का नाम स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर रखने का फैसला किया है ताकि युवा पीढ़ी को प्रेरणा मिल सके. साथ ही पेयजल, सड़क, ब्रिज और पार्किंग जैसी आधारभूत योजनाओं के लिए करोड़ों की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है.

उत्तराखंड सरकार ने स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मान देने और आधारभूत सुविधाओं को सशक्त बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के सरकारी स्कूलों के नाम स्वतंत्रता संग्राम में योगदान देने वाले महापुरुषों के नाम पर रखने की घोषणा की है. इससे नई पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी और क्षेत्रीय नायकों को पहचान भी मिलेगी.
राज्य सरकार द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी
राज्य सरकार द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, पौड़ी गढ़वाल, देहरादून और पिथौरागढ़ जिलों के स्कूलों को अब शहीद भगत सिंह रावत, पंडित सैराम, कुंवर सिंह रावत और माधो सिंह जंगपांगी जैसे महान स्वतंत्रता सेनानियों के नाम से पहचाना जाएगा. यह पहल युवाओं में देशभक्ति और इतिहास के प्रति सम्मान की भावना को बढ़ावा देगी.
इसी के साथ, मुख्यमंत्री ने राज्य में आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के लिए करोड़ों रुपये की परियोजनाओं को भी हरी झंडी दी है. विशेष रूप से पेयजल व्यवस्था को बेहतर बनाने हेतु 62 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है, जिससे शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में स्वच्छ जल की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी.
विकास कार्यों की दिशा में उठाए गए कदम
विकास कार्यों की दिशा में उठाए गए कुछ अहम कदमों में चंपावत के पाटी विकासखंड में मल्टीलेवल पार्किंग और बहुउद्देश्यीय भवन के लिए 11.04 करोड़ रुपये की मंजूरी, अल्मोड़ा जिले के जागेश्वर क्षेत्र में एक सड़क को ऑल वेदर मोटर रोड में बदलने के लिए 4.66 करोड़ रुपये और बाजपुर में एक स्पैन ब्रिज निर्माण के लिए 2.83 करोड़ रुपये की स्वीकृति शामिल है.
इसके अतिरिक्त, रुद्रप्रयाग के उखीमठ क्षेत्र में ओंकारेश्वर मंदिर के पास कार पार्किंग के लिए 1.16 करोड़ रुपये और उत्तरकाशी जिले में टनल पार्किंग की डीपीआर के लिए 3.18 लाख रुपये मंजूर किए गए हैं. इन परियोजनाओं के माध्यम से राज्य सरकार स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप विकास को गति देने की दिशा में ठोस प्रयास कर रही है.


