न कील, न गड्ढा...दिल्ली ब्लास्ट में मृतकों के शरीर पर कोई निशान नहीं, कुछ ऐसे रहस्य जो जांच अधिकारियों को कर रहे परेशान
दिल्ली के लाल किले के पास सोमवार शाम i20 कार में हुए जोरदार धमाके में 8 लोगों की मौत और 24 लोग घायल हुए. धमाका हरियाणा नंबर की कार में हुआ, जो सलमान के नाम पर रजिस्टर्ड थी. फॉरेंसिक टीम को इस बात ने हैरान किया कि धमाके में किस प्रकार के विस्फोटक का इस्तेमाल हुआ, यह पता नहीं चल पा रहा है.

नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के लाल किले के पास सोमवार की शाम हुए जोरदार कार ब्लास्ट ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया. इस व्यस्त समय पर हुए धमाके में अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 24 लोग घायल हुए हैं. घायलों का इलाज लोक नायक जयप्रकाश नारायण (LNJP) अस्पताल में चल रहा है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात की और घटनास्थल का भी जायजा लिया. फॉरेंसिक टीम को इस बात ने हैरान किया कि धमाके में किस प्रकार के विस्फोटक का इस्तेमाल हुआ, यह पता नहीं चल पा रहा है. .
धमाके में इस्तेमाल हुई HR नंबर की कार
फॉरेंसिक टीम भी हैरान
घटनास्थल पर पहुंची फॉरेंसिक टीम को इस बात ने हैरान किया कि धमाके में किस प्रकार के विस्फोटक का इस्तेमाल हुआ, यह पता नहीं चल पा रहा है. विस्फोट स्थल पर कोई गड्ढा नहीं बना है और मृतकों या घायलों के शरीर पर किसी भी तरह के जलने या कील के निशान नहीं पाए गए हैं. इस वजह से फॉरेंसिक टीम अभी किसी निश्चित निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाई है.
CCTV फुटेज और रूट की जांच
दिल्ली पुलिस के अधिकारी सीसीटीवी फुटेज खंगालकर धमाके वाली कार के रूट और गाड़ी की गतिविधियों का पता लगा रहे हैं. साथ ही पुलिस की आतंकरोधी शाखा और अन्य एजेंसियां भी घटनास्थल पर मौजूद हैं. अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि अभी तक यह पुष्टि नहीं हो पाई है कि यह आतंकवादी घटना थी या कोई अलग उद्देश्य से धमाका किया गया.
भीड़भाड़ वाले इलाके में ब्लास्ट का प्रभाव
धमाके के समय यह इलाका व्यस्त और भीड़भाड़ वाला था. विस्फोट के कारण आसपास खड़ी कई गाड़ियों में आग लग गई और कई वाहन के शीशे टूट गए. गंभीर रूप से घायल लोगों को LNJP अस्पताल में लाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है. दिल्ली पुलिस और फॉरेंसिक टीम हर एंगल से जांच कर रही हैं ताकि धमाके की सच्चाई और जिम्मेदारों तक जल्द पहुंचा जा सके.


