नीतीश कुमार की सरकार को औवैसी समर्थन देने के लिए तैयार, बदले में रख दी एक शर्त
AIMIM के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने नीतीश कुमार सरकार को समर्थन देने की इच्छा तो जताई है, लेकिन इसके साथ एक अहम शर्त भी रख दी है.

AIMIM के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार की मौजूदा नीतीश कुमार सरकार को समर्थन देने की इच्छा तो जताई है, लेकिन इसके साथ एक अहम शर्त भी रख दी है. अमौर में आयोजित एक बड़े जनसभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा कि राज्य में विकास की रोशनी केवल पटना या राजगीर तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि सीमांचल जैसे उपेक्षित इलाकों तक भी पहुंचनी चाहिए.
सीमांचल की वास्तविक समस्याओं पर क्या बोले औवेसी?
औवेसी ने कहा कि यदि सरकार सीमांचल की वास्तविक समस्याओं को दूर करने की दिशा में ठोस कदम उठाती है, तभी AIMIM उसका साथ देने के लिए तैयार होगी. उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर कब तक राज्य की नीतियां और संसाधन सिर्फ राजधानी और कुछ चुनिंदा शहरों के इर्द-गिर्द घूमते रहेंगे?
ओवैसी ने जोर देकर कहा कि सीमांचल का इलाका आज भी नदी कटाव, बड़े पैमाने पर पलायन और व्यापक भ्रष्टाचार से जूझ रहा है. हर वर्ष कोसी नदी के उफान के कारण यहां बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न होती है, जिससे स्थानीय लोगों की जिंदगी अस्त-व्यस्त हो जाती है. उन्होंने बताया कि सीमांचल की लगभग 80% आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में बसती है और यह इलाका आज भी राज्य के सबसे पिछड़े क्षेत्रों में शामिल है.
राजनीतिक दृष्टि से भी सीमांचल बेहद संवेदनशील माना जाता है. यहां मुस्लिम आबादी का बड़ा हिस्सा रहता है और इस क्षेत्र की 24 विधानसभा सीटें काफी महत्व रखती हैं. इस बार भी एनडीए ने सीमांचल में मजबूत प्रदर्शन करते हुए 14 सीटें जीतीं, जबकि AIMIM ने अपनी पकड़ कायम रखते हुए लगातार दूसरी बार 5 सीटों पर जीत दर्ज की. वर्ष 2020 में भी पार्टी ने 5 सीटें हासिल की थीं, हालांकि बाद में उसके चार विधायक आरजेडी में शामिल हो गए थे.
विधायकों के लिए नई कार्यशैली की घोषणा
ओवैसी ने अपने विधायकों के लिए नई कार्यशैली की घोषणा भी की. उन्होंने कहा कि पार्टी अपने चुने हुए प्रतिनिधियों पर सख्त निगरानी रखेगी, ताकि जनता के बीच उनकी सक्रियता सुनिश्चित हो सके. इसके लिए उन्होंने प्लान बनाया है कि AIMIM के सभी विधायक सप्ताह में दो दिन अपने क्षेत्रीय कार्यालयों में मौजूद रहेंगे और अपनी लाइव लोकेशन के साथ फोटो उन्हें भेजेंगे. इससे उनकी वास्तविक कार्यस्थिति की निगरानी हो सकेगी. ओवैसी ने बताया कि यह व्यवस्था अगले छह महीनों के भीतर लागू करने का लक्ष्य है और वे स्वयं भी हर छह महीने में सीमांचल का दौरा करेंगे.
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि सीमांचल की जनता AIMIM के साथ मजबूती से खड़ी है और आगे भी रहेगी. उनकी बातों में यह स्पष्ट संदेश था कि पटना की राजनीति के लिए सीमांचल की आवाज़ को अनदेखा करना अब संभव नहीं होगा, क्योंकि राज्य का असली पैगाम अब यहीं से जाएगा.


