PAK को ऑपरेशन सिंदूर का खौफ...भारत की तरह अब पाकिस्तान में भी बनेगा CDF, मुनीर बनेंगे चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेस
पाकिस्तान ने अपनी सैन्य नीतियों में सुधार के तहत कमांडर ऑफ डिफेंस फोर्सेज (CDF) नामक नया पद बनाने की योजना बनाई है. यह पद तीनों सेनाओं के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने के लिए प्रस्तावित 27वें संविधान संशोधन का हिस्सा है.

नई दिल्ली : पाकिस्तान में हाल ही में रक्षा सुधारों के तहत कमांडर ऑफ डिफेंस फोर्सेज (CDF) नामक एक नए पद के गठन की योजना बनाई जा रही है. यह नया पद पाकिस्तान के प्रस्तावित 27वें संविधान संशोधन का हिस्सा है, जो तीनों सेनाओं के बीच बेहतर समन्वय और एकीकृत कमान को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पेश किया जा रहा है. यह नया पद भारतीय सीडीएस (चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ) से काफी मेल खाता है, जो भारत में तीनों सेनाओं के संचालन का समन्वय करता है.
आपको बता दें कि पाकिस्तान में यह कदम, मई में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष और आधुनिक युद्ध की बदलती प्रकृति से प्रेरित बताया जा रहा है. खासकर भारत द्वारा पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर की गई हमले, जैसे कि 22 अप्रैल को पहलागाम हमले और उसके बाद के ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान के सैन्य ढांचे में सुधार की आवश्यकता को महसूस कराया. मई में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ किए गए हमले में अमेरिका के F-16 जैसे पाकिस्तानी सैन्य विमानों को नष्ट या क्षतिग्रस्त कर दिया था, जिसके बाद पाकिस्तान ने शत्रुता समाप्त करने की गुहार लगाई थी. इसके साथ ही पाकिस्तान सरकार ने सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल के पद पर प्रमोट किया.
संविधान संशोधन पर बातचीत
अनुच्छेद 243 के तहत कहा गया है कि...
अनुच्छेद 243 के तहत कहा गया है कि पाकिस्तान के सशस्त्र बलों का नियंत्रण और कमान संघीय सरकार के पास होगा और इसकी सर्वोच्च कमान राष्ट्रपति के पास निहित होगी. पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) ने इस बदलाव का समर्थन करने के लिए कुछ शर्तें भी रखी हैं. बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि उनकी पार्टी संविधान में प्रस्तावित बदलावों को निर्धारित शर्तों के साथ समर्थन देने को तैयार है. इसमें चेयरमैन जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के पद का नया नामकरण, स्ट्रैटेजिक फोर्सेस कमांड के लिए नया कार्यालय और भारतीय सैन्य विजय के बाद वर्तमान सेना प्रमुख को फील्ड मार्शल का दर्जा देने की बात शामिल है.
सैन्य नीति में सुधार की आवश्यकता
यह नए पद का गठन और संविधान में संशोधन पाकिस्तान के सैन्य सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है. इस कदम से तीनों सशस्त्र सेनाओं के बीच बेहतर समन्वय स्थापित हो सकता है, जो भविष्य में पाकिस्तान की रक्षा रणनीतियों को और अधिक सशक्त बनाएगा. पाकिस्तान और भारत के बीच हुए संघर्ष और उसकी प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान को अपनी सैन्य नीतियों में सुधार करने की जरूरत है, ताकि वह भविष्य में अधिक प्रभावी तरीके से जवाब दे सके.
पाकिस्तान में रक्षा सुधारों के तहत कमांडर ऑफ डिफेंस फोर्सेज (CDF) पद का गठन और संविधान संशोधन के प्रस्तावों से यह संकेत मिलता है कि पाकिस्तान अपनी सैन्य और रक्षा नीतियों को नए युग के अनुसार ढालने की कोशिश कर रहा है. यह कदम भारत-पाकिस्तान संबंधों के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण हो सकता है, क्योंकि इससे दोनों देशों के बीच सैन्य समन्वय और सुरक्षा रणनीतियों में बदलाव आ सकता है.


