पाकिस्तान ने तोड़ा युद्धविराम, अफगानिस्तान पर की गोलीबारी
रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार देर रात पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की सीमा के भीतर गोलीबारी की, जिससे युद्धविराम समझौता टूट गया.

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ गया है. रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार देर रात पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की सीमा के भीतर गोलीबारी की, जिससे युद्धविराम समझौता टूट गया. यह घटना ऐसे समय हुई जब दोनों देशों के प्रतिनिधि इस्तांबुल में तालिबान से जुड़ी वार्ताओं को पुनः शुरू करने के लिए मौजूद थे.
पाकिस्तानी बलों हल्के और भारी हथियारों का इस्तेमाल किया
अफगान सैन्य सूत्रों ने एएफपी को बताया कि पाकिस्तानी बलों ने हल्के और भारी हथियारों का इस्तेमाल किया और नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाया. सूत्र ने आगे कहा कि हमने अब तक कोई जवाबी कार्रवाई नहीं की है क्योंकि इस्तांबुल में बातचीत जारी है और हम उसका सम्मान करना चाहते हैं.
हाल ही में अफगान और कूटनीतिक सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट आई कि पाकिस्तान ने अमेरिकी ड्रोन के उपयोग की अनुमति देने वाले एक समझौते की पुष्टि की है. यह बात तुर्की में आयोजित पिछली पाकिस्तान-अफगानिस्तान शांति वार्ता के दौरान सामने आई थी.
तुर्की के विदेश मंत्रालय ने उन वार्ताओं के बाद एक संयुक्त बयान जारी किया था, जिसमें दोनों पक्षों के बीच युद्धविराम की पुष्टि की गई थी. बयान में कहा गया था कि सभी पक्ष युद्धविराम जारी रखने पर सहमत हुए हैं और शांति बनाए रखने के लिए एक निगरानी और सत्यापन तंत्र लागू किया जाएगा, जो उल्लंघन करने वाले पक्ष पर दंड लगाएगा.
पाकिस्तान और अफगान तालिबान के बीच दो चरणों में वार्ता
हालांकि, 11 से 15 अक्टूबर के बीच हुई झड़पों के बाद, पाकिस्तान और अफगान तालिबान के बीच दो चरणों में वार्ता हुई. पहले दोहा में और फिर इस्तांबुल में, लेकिन अब तक कोई ठोस समझौता नहीं हो सका है. दोनों देशों के बीच ये वार्ताएं कई हफ्तों की राजनयिक कोशिशों का परिणाम हैं, जो हाल के सीमा संघर्षों के बाद शुरू हुईं. पिछले महीने हुए इन हमलों ने पाकिस्तान-अफगानिस्तान संबंधों को 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंचा दिया है.
तनाव की शुरुआत 11 अक्टूबर की रात को हुई, जब अफगान सीमा के भीतर से पाकिस्तानी ठिकानों पर आतंकियों ने हमला किया. इसके बाद तालिबान ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान ने अफगान क्षेत्र में हवाई हमले किए, हालांकि इस्लामाबाद ने न तो इस दावे की पुष्टि की और न ही खंडन.


