वीजा ना मिला, तो पार की सीमा... तपते रेगिस्तान में मिला पाकिस्तानी कपल का शव, अब सामने आई पूरी हकीकत
पाकिस्तान से भारत में बसने का सपना लेकर निकले रवि कुमार और शांति बाई जैसलमेर के तपते रेगिस्तान में रास्ता भटक गए और दम तोड़ बैठे.

राजस्थान के जैसलमेर बॉर्डर के पास कुछ दिन पहले रेगिस्तान में मिले एक युवक और युवती के शवों ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी थी. जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी, हकीकत और भी चौंकाने वाली सामने आई. मृत युवक-युवती पाकिस्तानी नागरिक निकले, जो अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे. अब उनके परिजनों और पाकिस्तान में रह रहे रिश्तेदारों ने दोनों की दर्दनाक प्रेम कहानी और मौत की सच्चाई साझा की है.
पाकिस्तान के सिंध प्रांत से ताल्लुक रखने वाले रवि कुमार और शांति बाई ने 4 महीने पहले प्रेम विवाह किया था. दोनों ने भारत में बसने और नई जिंदगी शुरू करने का सपना देखा था, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के चलते वीजा ना मिल पाने पर वे अवैध रूप से सीमा पार कर भारत आने की कोशिश में जैसलमेर के तपते रेगिस्तान में दम तोड़ बैठे.
बाइक से शुरू हुई यात्रा, रेगिस्तान में छूटी सांसें
रवि कुमार (17) और उनकी पत्नी शांति बाई पाकिस्तान के सिंध प्रांत के घोटकी जिले के मीरपुर माथेलो तहसील के निवासी थे. 21 जून को रवि का अपने पिता से झगड़ा हुआ, जिसके बाद वो शांति बाई के साथ बाइक पर निकला. उनके पास कपड़ों से भरा बैग, बिस्किट और 5 लीटर पानी का केन था. दोनों नूरफकीर (नूरपुरी) की दरगाह तक पहुंचे और वहां हाजिरी लगाई. इसके बाद उन्होंने बाइक और सामान वहीं छोड़ दिया और पैदल ही रेगिस्तान पार कर भारत की ओर निकल पड़े.
12 किलोमीटर अंदर मिले शव
22 जून की सुबह दोनों भारत-पाक सीमा पार कर राजस्थान के जैसलमेर जिले के सादेवाला गांव के पास पहुंचे. जहां से लगभग 12 से 13 किलोमीटर अंदर रेतीले टीलों में उनका शव बरामद हुआ. अनुमान है कि भीषण गर्मी में दोनों ने 35 किलोमीटर से ज्यादा का पैदल सफर तय किया होगा. उस समय तापमान 48 से 50 डिग्री के बीच था, जिससे प्यास और डिहाइड्रेशन के चलते दोनों की जान चली गई.
शादी के बाद भारत में बसने का था सपना
जैसलमेर में पाकिस्तानी हिंदू विस्थापितों के नेता दिलीप कुमार सोढा ने बताया कि रवि कुमार और शांति बाई ने करीब चार महीने पहले मीरपुर माथेलो में शादी की थी. दोनों ने वीजा के लिए आवेदन भी किया था ताकि वे भारत में बसकर एक सुरक्षित और बेहतर जीवन शुरू कर सकें. लेकिन भारत-पाक के बीच बिगड़े संबंधों के चलते वीजा ना मिलने पर दोनों ने ये खतरनाक कदम उठाया.
बॉर्डर पार करने से पहले भी मिली थी चेतावनी
रवि के पिता गुलशन कुमार ने बताया कि बेटे ने भारत आने की जिद पर घर छोड़ा था. उसने वीजा के लिए पहले प्रयास किया लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के चलते सीमाएं सील थीं. पिता और भाई ने अवैध रूप से बॉर्डर पार करने से मना भी किया, लेकिन रवि नहीं माना और पत्नी के साथ निकल पड़ा. ये निर्णय उसकी और उसकी पत्नी की जान ले बैठा.