राघोपुर से तेजस्वी यादव के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ेंगे प्रशांत किशोर, जानिए जन सुराज ने किस नेता को मैदान में उतारा
Bihar Election News 2025 : जनसुराज पार्टी ने राघोपुर सीट से चंचल सिंह को प्रत्याशी घोषित किया है, जिससे प्रशांत किशोर के चुनाव लड़ने की संभावनाएं कम हो गई हैं. पहले करगहर सीट पर भी उम्मीदवार तय हो चुके हैं. पार्टी ने अब तक दो सूचियों में कुल 116 उम्मीदवार घोषित किए हैं और सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. यह रणनीति प्रशांत किशोर की संगठनात्मक प्राथमिकता को दर्शाती है.

Bihar Election News 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जन सुराज पार्टी ने बड़ा ऐलान करते हुए तेजस्वी यादव की परंपरागत सीट राघोपुर से अपने प्रत्याशी का नाम घोषित कर दिया है. इस सीट से प्रशांत किशोर स्वयं चुनाव लड़ सकते थे, लेकिन पार्टी ने चंचल सिंह को उम्मीदवार बना दिया है. इससे यह संकेत मिलता है कि प्रशांत किशोर अब राघोपुर से चुनाव नहीं लड़ेंगे.
आपको बता दें कि प्रशांत किशोर के चुनाव लड़ने की दो संभावित सीटें थीं राघोपुर (वैशाली) और करगहर (रोहतास). अब दोनों ही सीटों पर पार्टी उम्मीदवार घोषित कर चुकी है. करगहर से पार्टी ने रितेश रंजन पांडेय को टिकट दिया है. इससे प्रशांत किशोर की चुनावी दावेदारी की संभावनाएं अब काफी कम हो गई हैं.
13 अक्टूबर को दूसरी सूची जारी
राज्य की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा
प्रशांत किशोर की अगुवाई में जन सुराज पार्टी ने स्पष्ट किया है कि वह बिहार की सभी 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी. इस उद्देश्य के साथ पार्टी चरणबद्ध तरीके से प्रत्याशियों की सूची सामने ला रही है.
प्रमुख उम्मीदवार और सीटें
जन सुराज पार्टी की लिस्ट में कई प्रमुख नाम शामिल हैं. वाल्मीकिनगर से दिग नारायण प्रसाद, लौरिया से सुनील कुमार, ढाका से लाल बहादुर प्रसाद, सुरसंड से उषा किरण, और मुजफ्फरपुर से डॉ. अमन कुमार दास जैसे प्रत्याशी चुनावी मैदान में होंगे. बिहारशरीफ से दिनेश कुमार, पटना कुम्हरार से केसी सिन्हा और आरा से विजय कुमार गुप्ता भी मैदान में उतरेंगे.
जनाधार बढ़ाने की रणनीति
पार्टी ने विभिन्न सामाजिक, जातीय और क्षेत्रीय समूहों से प्रत्याशी चुनकर यह संकेत दिया है कि वह व्यापक जनाधार बनाने की कोशिश में है. कई नए और पढ़े-लिखे चेहरे टिकट पाए हैं, जो पार्टी की "नए भारत के लिए नई राजनीति" की सोच को दर्शाते हैं.
प्रशांत किशोर द्वारा स्वयं चुनाव लड़ने की संभावनाएं फिलहाल क्षीण हो चुकी हैं. उनकी पार्टी ने राघोपुर और करगहर जैसी प्रमुख सीटों पर अन्य प्रत्याशियों को मैदान में उतार कर यह स्पष्ट कर दिया है कि वे संगठन को प्राथमिकता दे रहे हैं, न कि व्यक्तिगत चुनावी महत्वाकांक्षा को.


