गुजरात के अमरेली में निजी ट्रेनिंग विमान क्रैश, पायलट की मौके पर मौत
गुजरात के अमरेली जिले में एक निजी प्रशिक्षण विमान रिहायशी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें पायलट की मौत हो गई; हादसे के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई और प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है.

गुजरात के अमरेली जिले के शास्त्री नगर में मंगलवार को एक बड़ा हादसा देखने को मिला, जब विज़न फ्लाइंग इंस्टिट्यूट का एक निजी प्रशिक्षण विमान रिहायशी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. हादसे में विमान चला रहे पायलट अनिकेत महाजन की मौके पर ही मौत हो गई. दुर्घटना के साथ ही जोरदार धमाका हुआ, जिससे इलाके में दहशत फैल गई और लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आए.
जानकारी मिलते ही दमकल विभाग और पुलिस की टीमें घटनास्थल पर पहुंची और राहत- बचाव कार्य शुरू कर दिया गया. प्रशासन ने पूरे क्षेत्र को घेरकर लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की. ये हादसा मार्च महीने में मेहसाणा जिले में हुए एक अन्य ट्रेनिंग विमान हादसे के ठीक बाद सामने आया है, जिसने राज्य में उड़ान प्रशिक्षण की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
हादसे में पायलट की मौत की पुष्टि
अधिकारियों ने पुष्टि की है कि दुर्घटनाग्रस्त विमान विज़न फ्लाइंग इंस्टिट्यूट, अमरेली का था और इसे प्रशिक्षु पायलट अनिकेत महाजन उड़ा रहे थे. डिप्टी एसपी चिराग देसाई ने जानकारी दी कि अमरेली के शास्त्री नगर क्षेत्र में आज विज़न फ्लाइंग इंस्टिट्यूट का एक प्रशिक्षण विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया. विमान को अनिकेत महाजन उड़ा रहे थे, जिनकी हादसे में मौत हो गई.
तकनीकी खामी की आशंका
हालांकि हादसे के पीछे की सही वजह की पुष्टि अभी नहीं हुई है, लेकिन शुरुआती जांच में तकनीकी खामी को जिम्मेदार माना जा रहा है. विमान के गिरते ही जोरदार धमाका हुआ, जिससे आस-पास के कई घरों की खिड़कियां तक हिल गई. प्रशासन ने विस्तृत जांच के आदेश दे दिए हैं ताकि असल कारणों का पता लगाया जा सके.
पिछले महीने भी हुआ था हादसा
ये इस तरह का दूसरा मामला है जब एक प्रशिक्षण विमान गुजरात में क्रैश हुआ है. 31 मार्च को मेहसाणा जिले के उचारपी गांव के पास एक महिला प्रशिक्षु पायलट विमान को लैंड कराते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. पुलिस अधिकारी डीजी बडवा ने बताया था कि उस घटना की वजह भी तकनीकी खामी थी.
सुरक्षा को लेकर बढ़ी चिंताएं
लगातार हो रही इन घटनाओं के बाद राज्य में फ्लाइंग स्कूल्स और प्रशिक्षण संस्थानों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि तकनीकी जांच और प्रशिक्षकों की दक्षता की गहन समीक्षा की जानी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं रोकी जा सकें.


