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प्रोग्रेसिव पंजाब इन्वेस्टर समिट–2026: 2022 से अब तक पंजाब में ₹1.50 लाख करोड़ का निवेश, 5 लाख नौकरियां सृजित

कैबिनेट मंत्री संजीव अरोड़ा ने बताया कि ‘आप’ सरकार के कार्यकाल में पंजाब में अब तक 1.50 लाख करोड़ रुपये का निवेश हुआ है, जिससे 5 लाख से अधिक रोजगार बने हैं. उद्योग–अनुकूल नीतियों, त्वरित अनुमतियों, कर राहत और नई औद्योगिक नीति की तैयारी से राज्य निवेशकों के लिए आकर्षक गंतव्य बन रहा है.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

पंजाब : कैबिनेट मंत्री संजीव अरोड़ा ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद से पंजाब में औद्योगिक निवेश को अभूतपूर्व बढ़ावा मिला है. उनके अनुसार, राज्य में अब तक लगभग 1.50 लाख करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित किया जा चुका है, जिससे 5 लाख से अधिक रोजगार के अवसर सृजित हुए हैं. यह उपलब्धि पंजाब को निवेशकों के लिए भरोसेमंद और आकर्षक गंतव्य बनाने की दिशा में सरकार की मजबूत इच्छाशक्ति को दर्शाती है.

हाल के महीनों में बड़े औद्योगिक निवेश

मंत्री ने बताया कि बीते पांच महीनों में कई प्रमुख औद्योगिक समूहों ने पंजाब में भारी निवेश की घोषणा की है. ऊर्जा, स्टील, टेक्सटाइल, फार्मास्यूटिकल्स, ऑटो कंपोनेंट्स, डेयरी, हेल्थकेयर और आईटी जैसे क्षेत्रों में निवेश से राज्य के औद्योगिक ढांचे को मजबूती मिली है. इन निवेशों से न केवल पूंजी प्रवाह बढ़ा है, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी खुले हैं.

निवेशकों के लिए अनुकूल नीतिगत वातावरण
संजीव अरोड़ा ने कहा कि राज्य सरकार निवेश को सुगम बनाने के लिए प्रक्रियाओं को सरल कर रही है. अब औद्योगिक अनुमतियां 5 से 45 दिनों के भीतर प्रदान की जा रही हैं, जिससे उद्योगों को समयबद्ध तरीके से कार्य शुरू करने में सहायता मिल रही है. भारत सरकार के बिजनेस रिफॉर्म्स एक्शन प्लान–2024 के तहत पंजाब को “टॉप अचीवर” का दर्जा मिलना इसी दिशा में किए गए सुधारों का परिणाम है.

कर और शुल्क में राहत से उद्योगों को लाभ
उद्योगों को राहत देने के लिए स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क में बड़ी कटौती की गई है. एकमुश्त स्टांप ड्यूटी लागू करने और इक्विटेबल मॉर्गेज पर शुल्क घटाने से व्यापारियों और निवेशकों का वित्तीय बोझ कम हुआ है. इसके साथ ही पंजाब राइट टू बिजनेस एक्ट में संशोधनों से अब कम समय में सैद्धांतिक स्वीकृतियां मिल रही हैं, जिससे उद्यमी स्व-घोषणा के आधार पर कारोबार शुरू कर पा रहे हैं.

नई औद्योगिक नीति की तैयारी
भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सरकार सेक्टर-विशेष औद्योगिक नीति तैयार कर रही है. इसके लिए 24 विशेष सेक्टरल कमेटियों का गठन किया गया, जिनमें अनुभवी उद्योगपतियों की भागीदारी सुनिश्चित की गई. इन कमेटियों की रिपोर्ट के आधार पर जनवरी 2026 तक नई और मजबूत औद्योगिक नीति जारी की जाएगी.

घरेलू और विदेशी निवेश को बढ़ावा
मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में जापान और दक्षिण कोरिया की हालिया यात्राएं सफल रहीं, जिससे विदेशी निवेश की संभावनाएं बढ़ी हैं. इसके अलावा देश के प्रमुख औद्योगिक शहरों में आयोजित आउटरीच बैठकों से भी पंजाब के प्रति निवेशकों का भरोसा मजबूत हुआ है.

लंबित समस्याओं का समाधान
राज्य सरकार ने एमएसएमई समेत विभिन्न उद्योगों के लिए कर छूट और वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किए हैं. मार्च 2022 के बाद से बड़ी संख्या में औद्योगिक इकाइयों को हजारों करोड़ रुपये की सहायता दी गई है. साथ ही, दशकों से लंबित औद्योगिक मांगों को हल करने के लिए ओटीएस योजना लागू कर ब्याज में भारी छूट दी गई है.

संजीव अरोड़ा के अनुसार, पंजाब सरकार की नीतियां उद्योगों, रोजगार और आर्थिक विकास को एक साथ आगे बढ़ाने पर केंद्रित हैं. निवेश, सुधार और संवाद के इस मॉडल से पंजाब आने वाले वर्षों में देश के अग्रणी औद्योगिक राज्यों में अपनी मजबूत पहचान बनाने की ओर अग्रसर है.

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