पंजाब: आप सरकार की संवेदनशील पहल से बाढ़ में फंसे पशुओं को भी मिली राहत
अगस्त 2025 में पंजाब में आई बाढ़ ने 1,400 से ज्यादा गांवों को प्रभावित किया और 15 लाख जानवरों को संकट में डाला. मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में सरकार ने पशु चिकित्सा सेवाएं, बचाव कार्य और आहार वितरण के जरिए बेज़ुबानों की मदद की. इस आपदा के दौरान, पंजाब ने इंसानियत की नई मिसाल पेश की, जिसमें हर जीवन की रक्षा की गई.

Punjab Floods News : पंजाब में अगस्त 2025 में आई इस भयानक बाढ़ ने ना केवल इंसानियत की परीक्षा ली, बल्कि बेज़ुबानों की भी जान जोखिम में डाल दी. सतलुज और ब्यास नदियों के उफान से पंजाब के 1,400 से ज्यादा गांव डूब गए और करीब 3.5 लाख लोग प्रभावित हुए. इस आपदा ने उन मासूमों को भी अपनी चपेट में लिया जिनके पास खुद को बचाने के लिए शब्द नहीं थे. लेकिन इस असाधारण संकट के बीच, पंजाब ने अपनी सामूहिक करुणा और संघर्ष के जरिए एक नया इतिहास लिखा, जहां हर जीवित प्राणी को बचाने के प्रयास किए गए, चाहे वह इंसान हो या जानवर.
बाढ़ में फंसे 15 लाख से अधिक जानवर
सतलुज और ब्यास नदियों के बढ़ते जलस्तर ने न केवल इंसानों, बल्कि 15 लाख से ज्यादा जानवरों को भी अपनी चपेट में ले लिया. इन जानवरों की मदद के लिए, पशुपालन, डेयरी विकास और मत्स्य पालन मंत्री एस. गुरमीत सिंह खुडियां ने बताया कि बाढ़ के दौरान 481 पशु चिकित्सा टीमें मैदान में उतरीं, जिनमें पशु चिकित्सा अधिकारी, निरीक्षक और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शामिल थे. ये टीमें बाढ़ में फंसे जानवरों की मदद करने के लिए दिन-रात काम कर रही थीं.
संकट के बीच बचाव कार्य, नावों और ड्रोन का सहारा
पठानकोट ज़िले के डेयरी किसान गुरबचन सिंह बताते हैं कि जब पानी में डूबे अपने गोशाले और भैंसों को देखा, तो उन्हें लगा कि उन्होंने सब कुछ खो दिया है. लेकिन तभी नावों और बचाव टीमों ने उन्हें न केवल खुद को, बल्कि अपने जानवरों को भी बचाते हुए देख लिया. इस दौरान, ड्रोन का उपयोग किया गया ताकि बाढ़ के पानी में फंसे जानवरों को तलाशा जा सके और नावों के माध्यम से उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके.
CM मान का संकल्प, किसी को पीछे नहीं छोड़ा जाएगा
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस आपदा के दौरान एक स्पष्ट संदेश दिया: "किसी भी जीव, इंसान हो या जानवर, उसे पीछे नहीं छोड़ा जाएगा." उनके नेतृत्व में सरकार ने बेज़ुबानों की मदद के लिए हर संभव प्रयास किए. चाहे वह ग्रामीण इलाकों में पशु आहार का वितरण हो या चिकित्सा सहायता, हर कदम पर सरकार ने अपनी जिम्मेदारी निभाई.
पशु कल्याण के लिए विशेष प्रयास
बाढ़ के दौरान 22,534 जानवरों का इलाज किया गया और उन्हें बचाया गया. सरकारी मंत्रालयों और विभिन्न संगठनों ने मिलकर 5,000 बैग पशु आहार वितरित किए. साथ ही, 12,170 क्विंटल फीड और 5,090.35 क्विंटल हरा चारा प्रभावित क्षेत्रों में भेजा गया. इन प्रयासों से पशुओं की प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत किया गया.
बाढ़ में लोगों ने दिखाई मानवता
पंजाब के लोग और विभिन्न संगठनों ने इस आपदा के समय मानवता की मिसाल पेश की. कलगीधर ट्रस्ट जैसे संगठनों ने 125 गांवों में पहुंच कर 5,000 से ज्यादा लोगों और उनके जानवरों को मदद दी. इसके अलावा, फाज़िल्का में आम आदमी पार्टी की नेता डॉ. अमरजीत कौर ने बताया कि जब उन्होंने एक गाय और उसके बछड़े को बचाया, तो उनकी टीम के लोगों की आंखों में आंसू थे. यह दृश्य इस बात का प्रमाण था कि बाढ़ के दौरान जानवरों की रक्षा करने में जुटे हर व्यक्ति की मेहनत कितनी मायने रखती थी.
बाढ़ के नुकसान के आंकड़े
इस बाढ़ ने भारी तबाही मचाई, जिसमें 504 मवेशी, 73 भेड़ और बकरियां, और 160 सुअर मारे गए. पोल्ट्री शेड के गिरने से 18,304 मुर्गी पालन पक्षी मारे गए. कुल मिलाकर, लगभग 2.52 लाख जानवर और 5,88,685 पोल्ट्री पक्षी बाढ़ से प्रभावित हुए. हालांकि, सरकार ने किसी भी जानवर को अकेला नहीं छोड़ा और उन्हें हर संभव राहत देने की कोशिश की.
राहत कार्य और पशु चिकित्सा सेवाएं
मुख्य सचिव पशुपालन श्री राहुल भंडारी ने बताया कि बाढ़ से प्रभावित पशुओं के इलाज के लिए 31.50 लाख रुपये जारी किए गए हैं. विभाग ने तुरंत संकट कॉल का जवाब देने के लिए नियंत्रण कक्ष स्थापित किए और प्रभावित क्षेत्रों में तैनात पशु चिकित्सा टीमों द्वारा समय पर चिकित्सा सहायता प्रदान की गई. इसके अलावा, विशेष जल निकासी प्रणालियों के माध्यम से 1,000 एकड़ भूमि को सुखाया गया ताकि बचाए गए जानवरों के लिए सुरक्षित स्थान उपलब्ध कराया जा सके.
पंजाब ने दी इंसानियत की नई परिभाषा
पंजाब की इस बाढ़ को सिर्फ एक प्राकृतिक आपदा के रूप में नहीं देखा जाएगा. यह वह समय था जब पंजाब के लोग और सरकार ने यह साबित किया कि सच्चा नेतृत्व और प्रेम सिर्फ इंसान तक सीमित नहीं होते, बल्कि हर जीवित प्राणी की रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है. इस आपदा ने दिखाया कि करुणा और एकजुटता के माध्यम से हम किसी भी संकट का सामना कर सकते हैं और अपनी इंसानियत को बचा सकते हैं.
यह बाढ़ न केवल एक आपदा थी, बल्कि यह एक निर्णायक पल था जब पंजाब ने यह सिद्ध कर दिया कि सच्ची मानवता का मतलब हर जीव की रक्षा करना है.


