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हम पीड़ित परिवार के साथ खड़े...महाराष्ट्र के सतारा में महिला डॉक्टर की आत्महत्या पर बोले राहुल गांधी, BJP पर भी साधा निशाना

सतारा : महाराष्ट्र के सतारा जिले में एक महिला सरकारी डॉक्टर की आत्महत्या ने पूरे देश को झकझोर दिया. डॉक्टर ने पुलिस उपनिरीक्षक गोपाल बडाने पर बलात्कार और सॉफ्टवेयर इंजीनियर प्रशांत बांकर पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया था. राहुल गांधी ने इसे “संस्थागत हत्या” बताते हुए बीजेपी सरकार पर असंवेदनशीलता और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया. दोनों आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं और जांच जारी है.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

सतारा : महाराष्ट्र के सतारा जिले के फालतन कस्बे में एक महिला सरकारी डॉक्टर की कथित आत्महत्या ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है. गुरुवार रात डॉक्टर का शव एक होटल के कमरे में फंदे से लटका मिला. शुरुआती जांच में पता चला कि डॉक्टर ने अपनी हथेली पर लिखा था कि उन्हें पुलिस उपनिरीक्षक गोपाल बडाने ने कई बार बलात्कार का शिकार बनाया और सॉफ्टवेयर इंजीनियर प्रशांत बांकर ने लगातार मानसिक उत्पीड़न किया. इस सनसनीखेज मामले ने न केवल समाज को हिला दिया बल्कि राजनीतिक हलकों में भी तीखी प्रतिक्रियाएँ सामने आईं.

“सत्ता अपराधियों की ढाल बन गई है”...राहुल गांधी 

आपको बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस दर्दनाक घटना को “संस्थागत हत्या” करार देते हुए बीजेपी सरकार पर सीधा हमला बोला. उन्होंने एक्स पर लिखा, “जब सत्ता में बैठे लोग अपराधियों की ढाल बन जाएं, तब न्याय की उम्मीद किससे करें? डॉक्टर की मौत ने इस सरकार के अमानवीय और असंवेदनशील चेहरे को उजागर किया है. हम पीड़ित परिवार के साथ खड़े हैं भारत की हर बेटी के लिए डर नहीं, न्याय चाहिए.”

राहुल गांधी ने इसे “पावर-प्रोटेक्टेड क्रिमिनल आइडियोलॉजी” की उपज बताया और कहा कि यह आत्महत्या नहीं, बल्कि “संस्थागत हत्या” है. उन्होंने यह भी कहा कि एक प्रतिभाशाली डॉक्टर, जो दूसरों को जीवन देने का सपना देख रही थी, भ्रष्ट और क्रूर व्यवस्था की शिकार बन गई.

दोनों आरोपियों को किया गया गिरफ्तार 
घटना के बाद पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की. सॉफ्टवेयर इंजीनियर प्रशांत बांकर को शनिवार सुबह पुणे से गिरफ्तार किया गया, जबकि शाम को आरोपी उपनिरीक्षक गोपाल बडाने ने फालतन ग्रामीण पुलिस थाने में आत्मसमर्पण किया. दोनों को बलात्कार और आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. अदालत ने प्रशांत बांकर को चार दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा है.

सतारा के पुलिस अधीक्षक तुषार दोशी के अनुसार, गोपाल बडाने को सेवा से निलंबित कर दिया गया है. जांच में यह भी सामने आया कि बांकर डॉक्टर के मकान मालिक का बेटा था और आत्महत्या से पहले डॉक्टर ने उससे फोन पर बातचीत की थी.

“बेटी को न्याय चाहिए, दोषियों को फांसी”
डॉक्टर का मूल निवास बीड ज़िले के वडवानी तहसील में था. उनके पिता, जो एक किसान हैं, ने बेटी की पढ़ाई के लिए कर्ज लेकर उसे डॉक्टर बनाया था. डॉक्टर की आकस्मिक मौत ने पूरे परिवार को सदमे में डाल दिया है. परिजनों का कहना है कि उनकी बेटी को लंबे समय से प्रताड़ित किया जा रहा था और प्रशासन ने समय रहते कोई कदम नहीं उठाया. शुक्रवार रात डॉक्टर का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव में किया गया, जहां हजारों लोग न्याय की मांग के साथ शामिल हुए. परिवार ने आरोपियों को कठोरतम सजा, यानी फांसी देने की मांग की है.

चिकित्सा समुदाय में भारी आक्रोश
इस घटना के बाद चिकित्सा समुदाय में भारी आक्रोश फैल गया है. महाराष्ट्र के कई सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों ने विरोध स्वरूप कार्य बहिष्कार किया और राज्य सरकार से मांग की कि डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए. डॉक्टरों ने कहा कि जब तक दोषियों को सख्त सजा नहीं मिलती, तब तक यह लड़ाई जारी रहेगी.

यह मामला न केवल एक डॉक्टर की मृत्यु का है, बल्कि उस व्यवस्था की असफलता का प्रतीक बन गया है जो महिलाओं की सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करने में नाकाम रही है.

पूरे मामले की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच हो
राहुल गांधी का यह बयान घटना को एक बड़े राजनीतिक संदर्भ में खड़ा करता है. उन्होंने आरोप लगाया कि इस घटना के पीछे सिर्फ अपराधी नहीं, बल्कि एक ऐसी विचारधारा काम कर रही है जो सत्ता के संरक्षण में पनपती है. कांग्रेस पार्टी ने मांग की है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच हो तथा दोषियों को उदाहरणात्मक सजा दी जाए. दूसरी ओर, विपक्ष इस घटना को लेकर सरकार की जवाबदेही पर सवाल उठा रहा है.

सतारा की इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है. एक युवा डॉक्टर की मौत ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि जब कानून और व्यवस्था के रक्षक ही अपराधी बन जाएं, तब आम नागरिकों की सुरक्षा किसके भरोसे है? राहुल गांधी के शब्दों में, “यह आत्महत्या नहीं, बल्कि एक ऐसी व्यवस्था की हत्या है जो इंसाफ देने में असफल रही.” यह घटना न केवल न्याय की मांग कर रही है, बल्कि समाज और शासन दोनों से संवेदनशीलता की पुकार भी है.

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26 October 2025, 04:07 PM IST

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