रायसेन रेप केस के आरोपी सलमान का एनकाउंटर, पुलिस ने पांव में मारी गोली
रायसेन रेप केस के आरोपी को पुलिस ने शॉर्ट एनकाउंटर में गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी पर 30 हजार रुपये का इनाम घोषित था और पुलिस लगातार उसकी तलाश कर रही थी.

रायसेन जिले में रेप केस के आरोपी सलमान को लेकर बड़ी कार्रवाई हुई है. लंबे समय से फरार चल रहे सलमान को भोपाल के गांधीनगर इलाके में पुलिस ने उस समय पकड़ लिया, जब वह वार्ड नंबर 11 में स्थित एक चाय की दुकान पर चाय पीने पहुंचा था.
आरोपी पर था 30 हजार रुपये का इनाम
आरोपी पर 30 हजार रुपये का इनाम घोषित था और पुलिस लगातार उसकी तलाश कर रही थी. गुप्त सूचना मिलने के बाद पुलिस टीम उस क्षेत्र में निगरानी कर रही थी. जैसे ही सलमान दुकान पर आया, पुलिस ने बिना देर किए उसे घेरकर हिरासत में ले लिया.
गिरफ्तारी के बाद सलमान को गोहरगंज पुलिस के हवाले किया गया, ताकि उसे कानूनी कार्रवाई के लिए रायसेन ले जाया जा सके. पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह जंगल के रास्तों से होकर भोपाल पहुंचा था, ताकि पुलिस की नज़र से बच सके. लेकिन इलाके में उसकी मौजूदगी की खबर पहले ही पुलिस को मिल चुकी थी. गिरफ्तारी से पहले ‘जय मां भवानी हिंदू संगठन’ के कार्यकर्ता भी थाने पहुंचे, लेकिन तब तक सलमान को गोहरगंज पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया था.
सलमान का शॉर्ट एनकाउंटर
घटना का सबसे बड़ा मोड़ तब आया जब पुलिस आरोपी को लेकर रायसेन लौट रही थी. रास्ते में उनकी गाड़ी का टायर अचानक पंचर हो गया. इसी क्षण का फायदा उठाकर सलमान ने भागने की कोशिश की. पुलिस ने उसे रोकने की चेतावनी दी, लेकिन उसने तेज़ी से जंगल की ओर दौड़ लगा दी. इसी दौरान पुलिस को मजबूरी में कार्रवाई करनी पड़ी और जवाबी कार्रवाई में सलमान के पैर में गोली लग गई. इसे पुलिस ने एक शॉर्ट एनकाउंटर बताया है.
घायल सलमान को पकड़कर फिर से काबू में किया गया और आवश्यक कानूनी औपचारिकताओं के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया. बाद में आरोपी को गोहरगंज पुलिस स्टेशन में दाखिल कर दिया गया, जहां उससे मामले से जुड़ी पूछताछ जारी है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सलमान के भागने की आशंका पहले से थी, इसलिए उस पर कड़ी निगरानी रखी जा रही थी.
इस पूरे घटनाक्रम ने रायसेन और भोपाल क्षेत्र में काफी चर्चा बटोरी है. इनामी आरोपी की गिरफ्तारी और उसके बाद हुए छोटे एनकाउंटर ने मामले को और गंभीर बना दिया है. पुलिस का दावा है कि आगे की जांच में यह साफ हो सकेगा कि वह इतने दिनों तक कहां छिपा हुआ था और किसकी मदद से फरार रहने में सफल हुआ.


