मतदाता सूची में गड़बड़ी के विरोध में राज और उद्धव ठाकरे एक मंच पर
महाराष्ट्र की राजनीति में मतदाता सूची में अनियमितताओं के मुद्दे पर राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे एक बार फिर एक साथ मंच पर नजर आए.

महाराष्ट्र की राजनीति में लंबे समय बाद एक दिलचस्प दृश्य देखने को मिला जब मतदाता सूची में अनियमितताओं के मुद्दे पर राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे एक बार फिर एक साथ मंच पर नजर आए. इस रैली में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार गुट) के प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता भी शामिल हुए.
मतदाता सूचियों में गड़बड़ी के विरोध में बड़ी रैली
करीब 19 साल अलग-अलग राजनीति करने के बाद यह दूसरा मौका है जब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे एक मंच पर आए हैं. कुछ महीने पहले दोनों ने स्कूलों में हिंदी शिक्षा को अनिवार्य करने के खिलाफ एक साथ प्रदर्शन किया था. शनिवार को दोनों नेताओं ने दक्षिण मुंबई में मुंबई महानगरपालिका मुख्यालय के सामने मतदाता सूचियों में गड़बड़ी के विरोध में बड़ी रैली निकाली, जिसे ‘सत्याचा मोर्चा’ यानी ‘सत्य का मोर्चा’ नाम दिया गया.
रैली में शामिल होने के लिए राज ठाकरे दादर से चर्चगेट तक लोकल ट्रेन से पहुंचे. उन्होंने अपने साथ मतदाता सूची की गड़बड़ियों के प्रमाण भी लाए और कई उदाहरण देते हुए बताया कि कल्याण-डोंबीवली क्षेत्र के 4,500 से अधिक मतदाता मलाबार हिल्स में भी दर्ज हैं. उन्होंने कहा कि जब सभी दल इस बात को मानते हैं कि मतदाता सूची में दोहराव है, तो इसे ठीक करने में दिक्कत क्या है? पहले मतदाता सूची दुरुस्त की जाए, फिर स्थानीय निकाय चुनाव कराए जाएं.
उद्धव ठाकरे क्या बोले?
मोर्चे में संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि राज ठाकरे द्वारा जुटाए गए सबूतों के आधार पर विपक्ष अब अदालत का दरवाजा खटखटाएगा. उन्होंने कहा कि अगर हमें न्यायालय से न्याय नहीं मिला, तो हम जनता की अदालत में जाएंगे. उद्धव ने सत्तारूढ़ दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि मेरी पार्टी चुराई, निशान चुराया, अब क्या वोट भी चुराओगे?
राज, उद्धव और शरद पवार के साथ कांग्रेस नेताओं की मौजूदगी ने यह संकेत दे दिया है कि राज ठाकरे को भविष्य में महाविकास आघाड़ी में शामिल किया जा सकता है. हालांकि कांग्रेस अब तक इस पर सतर्क रही है, क्योंकि उसे अपने मुस्लिम और हिंदीभाषी मतदाताओं की नाराज़गी का डर है.
वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस रैली के विरोध में ‘मूक प्रदर्शन’ किया. भाजपा नेताओं ने मुंह पर काली पट्टी बांधकर गिरगांव में विरोध जताया. महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण ने कहा कि विपक्ष निकाय चुनावों से पहले झूठे प्रचार के जरिए जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है.


