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'रिश्तों की सारी हदें पार', पति को छोड़ भतीजे संग पत्नि ने की शादी, थानें में दोनो लिए सात फेरे

उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के पटवाई थाना क्षेत्र में सनसनीखेज मामला सामने आया. जहां एक चाची-भतीजे के रिश्ते ने परिवार और गांव को स्तब्ध कर दिया है. चाचा नूरपाल को जब भतीजे ब्रह्म स्वरूप और चंचल के रिश्ते का पता चला, तो उनकी दुनिया उजड़ गई. चंचल ने बेबाकी से कहा कि मैं अब ब्रह्म के साथ रहूंगी.

Goldi Rai
Edited By: Goldi Rai

UP News: उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के थाना पटवाई क्षेत्र में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है जिसने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया है. चाची‑भतीजे के संबंधों की यह कहानी वर्षों से घर की चारदीवारी में दबे‑छुपे चल रही थी लेकिन जब बात सार्वजनिक हुई तो परिवार और गांव वालों के लिए सब कुछ उलट‑पुलट हो गया. चाचा नूरपाल को जब इस संबंध की जानकारी मिली, तो उनकी दुनिया जैसे अस्त‑व्यस्त हो गई. जब चांस दिखी, चंचल ने हिम्मत कर कहा कि वह अब पति के साथ नहीं बल्कि भतीजे ब्रह्म स्वरूप के साथ रहेगी. यह बयान चाचा के लिए झटका था. परिवार ऐसा पहले कभी नहीं सोचा था; न तो किसी ने चेतावनी दी, न ही किसी ने संकेत देखा, लेकिन घटना ने हर चुप्पी को तोड़ दिया.

कैसे हुआ खुलासा?

भतीजा चोरी‑चोरी घर की चारदीवारी के अंदर चाची चंचल से मिलने आता रहा और तीन साल तक यह सिलसिला चलता रहा. पड़ोसियों को शक तो था, लेकिन उन्होंने खामोशी लिए रखी. जब बात खुली तो चाचा ने पत्नी से इसका खुला सवाल पूछा और चंचल ने सारी हदें पार करते हुए कहा कि अब वह भतीजे के साथ ही रहेगी. 

थाने में हुई शादी

चंचल ने थाना पटवाई में भतीजे और उसके परिवार के खिलाफ रेप का मामला दर्ज करवाया. कहा कि या तो भतीजा उससे शादी करे अन्यथा परिवार के अन्य सदस्यों को जेल भेज देगी. पुलिस की मौजूदगी में चाची ने भतीजे के हाथों मांग में सिंदूर भरा लिया और वरमाला भी पहन ली. चाचा नूरपाल के कहने पर कहा जा रहा है कि बिना पहला पति से तलाक लिए ऐसी दूसरी “शादी” कानूनन वैध नहीं हो सकती.

 इस तरह के मामलों में क्या कहते हैं कानून?

हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के तहत प्रोहिबिटेड रिलेशनशिप की श्रेणियां निर्धारित हैं, जिसमें चाचा‑भतीजा  संबंध शामिल हैं. यदि यह संबंध सामाजिक नियमों द्वारा स्वीकार नहीं किया गया हो, तो कानून के अनुसार यह वैध नहीं माना जाता. 
delhidivorcelawyers.com+1 इसके अतिरिक्त, दो शादी बिना तलाक के धार्मिक/निजी कानूनों के अंतर्गत आता है जो भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं के अंतर्गत आपराधिक अपराध है.

चाचा‑चाची जिन्दगी में टूटे हुए ख्वाब

चाचा नूरपाल ने कहा उसने वो किया जिससे मेरा घर मिट गया मेरा सगा भतीजा, मेरे भाई का बेटा... अब सबके सामने है मगर मेरे लिए सिर्फ शर्मिंदगी है. नूरपाल ने न सिर्फ मनोबल खोया बल्कि परिवार के बीच उनका स्थान, उनका सम्मान बहुत गहरा आहत हुआ है.

सामाजिक और नैतिक विमर्श

इस घटना ने सिर्फ एक परिवार को नहीं झकझोरा है बल्कि समाज में रिश्तों की मर्यादा, नैतिकता और पारिवारिक बंधनों की संवेदनशील स्थिति पर प्रश्न खड़े किए हैं. बल्कि लोग चर्चा कर रहे हैं कि बदलता वक्त किस तरह पारंपरिक मूल्यों को चुनौती दे रहा है और कैसे घर की चारदीवारी में और बाहर रिश्तों की सीमाएं धुंधली होती जा रही हैं.

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20 September 2025, 12:24 PM IST

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