तेजस्वी यादव बने 18वीं बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष, महागठबंधन ने सर्वसम्मति से चुना नेता
बिहार विधानसभा की 18वीं पारी में विपक्ष की कमान अब तेजस्वी यादव संभालेंगे. राजद और महागठबंधन के विधायक दल ने शनिवार को हुई बैठक में सर्वसम्मति से तेजस्वी यादव को नेता प्रतिपक्ष चुना.

बिहार विधानसभा की 18वीं पारी में विपक्ष की कमान अब तेजस्वी यादव संभालेंगे. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और महागठबंधन के विधायक दल ने शनिवार को हुई बैठक में सर्वसम्मति से तेजस्वी यादव को नेता प्रतिपक्ष चुना. यह बैठक पटना स्थित एक पोलो रोड पर आयोजित की गई.
विधायकों ने तेजस्वी यादव पर जताया भरोसा
बैठक में राजद, कांग्रेस और वाम दलों के सभी विधायकों ने एक मत से तेजस्वी के नेतृत्व पर भरोसा जताया. निर्णय हुआ कि विपक्ष की संख्या भले ही सीमित है, लेकिन जनता से जुड़े मुद्दों पर सदन और सड़क दोनों जगह मजबूती से आवाज उठाई जाएगी.
विधानमंडल का सत्र 1 दिसंबर से शुरू हो रहा है. उससे पहले तेजस्वी यादव के आवास पर महागठबंधन की महत्वपूर्ण बैठक हुई. तेजस्वी शनिवार को दिल्ली से पटना पहुंचे. एयरपोर्ट पर मीडिया ने उनसे चुनावी नतीजों और विपक्ष की रणनीति पर सवाल पूछे, लेकिन उन्होंने किसी भी प्रश्न का जवाब दिए बिना सीधे बैठक स्थल का रुख किया. कांग्रेस और राजद के बीच चुनाव परिणामों को लेकर चल रही खींचतान के बावजूद सभी दलों ने तेजस्वी को नेता प्रतिपक्ष बनाने पर सहमति जताई.
हालिया विधानसभा चुनाव में महागठबंधन का प्रदर्शन कमजोर रहा और पूरा विपक्ष 35 सीटों तक सिमट गया. इनमें 25 सीटें राजद को, 6 कांग्रेस को और 4 सीटें वाम दलों को मिलीं. वहीं सत्ता पक्ष एनडीए के पास 202 विधायकों का मजबूत आंकड़ा है, जिससे सदन में विपक्ष की संख्या बहुत ही सीमित हो गई है. इसके बावजूद बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि विपक्ष अपनी भूमिका को मजबूती और एकजुटता के साथ निभाएगा.
वाम दलों के विधायक अजय कुमार ने क्या कहा?
वाम दलों के विधायक अजय कुमार ने कहा कि विपक्ष संगठित होकर सरकार की नीतियों का विरोध करेगा और जनता के हितों की रक्षा के लिए हर मोर्चे पर लड़ाई लड़ेगा. वहीं राजद नेता भाई वीरेंद्र का कहना था कि संख्या कम होने का अर्थ मनोबल कम होना नहीं है. उन्होंने कहा कि विपक्ष सरकार की गलत नीतियों को उजागर करने और जनता के मुद्दों को उठाने में किसी तरह की ढिलाई नहीं बरतेगा.
महागठबंधन ने संकेत दिया है कि शीतकालीन सत्र में सरकार को बेरोजगारी, महंगाई, कृषि से संबंधित समस्याओं और कानून-व्यवस्था जैसे प्रमुख मुद्दों पर घेरा जाएगा. तेजस्वी यादव के नेतृत्व में विपक्ष उम्मीद कर रहा है कि वह कम संख्या के बावजूद सदन में प्रभावी भूमिका निभा सकेगा.


