दो वोटर आईडी कार्ड मामले में तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग को सौंपा जवाब, पूछा- कैसे बने 2 EPIC नंबर
तेजस्वी यादव ने दो वोटर आईडी मामले में चुनाव आयोग को लिखित जवाब दिया. राजद सांसद मनोज झा ने आयोग पर अहंकार और अज्ञानता के आरोप लगाए. विवाद तब शुरू हुआ जब तेजस्वी ने एक फर्जी ईपिक नंबर वाला कार्ड दिखाया, जिसे आयोग ने खारिज कर सही नंबर RAB-0456228 बताया और फर्जी करार दिया.

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने दो वोटर आईडी के मामले में चुनाव आयोग को अपना लिखित जवाब जमा कर दिया है. इस बारे में जानकारी राजद नेता और राज्यसभा सांसद मनोज झा ने दी. उन्होंने बताया कि अब फैसला चुनाव आयोग के हाथ में है. मनोज झा के अनुसार, दो वोटर आईडी के कई उदाहरण अब सामने आ चुके हैं, ऐसे में आयोग को देखना होगा कि एक व्यक्ति के नाम पर दो ईपिक नंबर कैसे जारी हो सकते हैं.
चुनाव आयोग पर मनोज झा का आरोप
राजद सांसद मनोज झा ने आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि आयोग में 'अहंकार' और “अज्ञानता” का माहौल है, जो उसकी पहचान बन चुकी है. उनका कहना है कि किसी भी निर्णय से पहले आयोग को अपने पूर्ववर्तियों के कामकाज से सीख लेनी चाहिए, वरना स्थिति बांग्लादेश के चुनाव आयोग जैसी हो सकती है.
मामला कैसे शुरू हुआ?
यह विवाद तब शुरू हुआ जब तेजस्वी यादव ने 2 अगस्त को एक प्रेसवार्ता में एक मतदाता पहचान पत्र दिखाया था, जिसके ईपिक नंबर (RAB-2916120) को लेकर दावा किया गया था कि यह उनका दूसरा वोटर आईडी है. इस पर भारत निर्वाचन आयोग ने उस ईपिक नंबर को फर्जी घोषित किया और 16 अगस्त शाम 5 बजे तक इसे आयोग के कार्यालय में जमा करने का निर्देश जारी कर दिया.
निर्वाचन पदाधिकारी की रिपोर्ट
दीघा विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी सह सदर अनुमंडल पदाधिकारी की ओर से जारी पत्र में कहा गया कि तेजस्वी द्वारा दिखाए गए ईपिक नंबर की गहन जांच की गई. जांच में यह पाया गया कि निर्वाचन आयोग ने इस नंबर से कोई मतदाता पहचान पत्र जारी नहीं किया है. रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया कि तेजस्वी का सही मतदान केंद्र संख्या 204, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय का पुस्तकालय भवन है, जिसका क्रमांक 416 है.
सही EPIC नंबर
अधिकारियों के अनुसार, तेजस्वी यादव का वास्तविक ईपिक नंबर RAB-0456228 है. उन्होंने वर्ष 2015 और 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान नामांकन पत्र में भी यही नंबर दर्ज किया था. आयोग का कहना है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखाया गया ईपिक कार्ड पूरी तरह से फर्जी है और इसकी उत्पत्ति संदिग्ध है.


