ये हैं विदेशी 17 करोड़ का इजेक्शन, जिसने इस बच्चे को दिया नया जीवन
स्पाइनल मस्कूलर एट्रॉपी से पीडित ह्रदयांश को अब नया जीवन मिल गया है. ह्रदयांश को आज राजस्थान के जयपुर में दुनिया का सबसे महंगा इंजेक्शन लगाया गया है.

इस दुनिया में आए दिन कोई न कोई बीमारी जन्म ले रही है, जिनमें से कुछ बीमारियां ऐसी होती है जिनका इलाज नहीं हो सकता है. वहीं कुछ बीमारियां ऐसी है जिनका इलाज को संभव है तो लेकिन उनका खर्चा जानकर हर कोई हैरान हो जाता है. आज राजस्थान के जयपुर में स्पाइनल मस्कूलर एट्रॉपी से पीडित ह्रदयांश को अब नया जीवन मिल गया है.
ह्रदयांश को आज राजस्थान के जयपुर में दुनिया का सबसे महंगा इंजेक्शन लगाया गया है. हृदयांश को आज जेके लोन अस्पताल में डॉक्टर्स की निगरानी में दुनिया का सबसे महंगा इंजेक्शन जोलगेनेस्मा लगाया गया. इससे पहले यह इंजेक्शन दोपहर दो बजे तक लगाया जाना था. लेकिन पेपर वर्क कंप्लीट होने में समय लगा. जिसकी वजह से शाम करीब छह बजे यह इंजेक्शन बच्चे को लगाया गया है.
स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी एक आनुवंशिक बीमारी है, जो करीब 10 हजार लोगों में से किसी एक को होती है. इस बीमारी के चार स्टेज होते हैं. इस बीमारी से उपयोग में होने वाला इंजेक्शन 17 करोड़ का आता है जो कि विदेश से इंपोर्ट किया जाता है. इस बीमारी का नाम जेनेटिक स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी काफी रेयर है.