पहले बरसाईं गई 28 गोलियां, फिर देखा मरा या नहीं... चंदन मिश्रा की मौत की पुष्टि के बाद ही फरार हुआ तौसीफ बादशाह!
ऑनलाइन जुए में 20 लाख गंवाने के बाद कर्ज से दबे तौसीफ ने चंदन मिश्रा की हत्या की साजिश में शामिल होने की बात पुलिस रिमांड में कबूली है. फरार आरोपियों की तलाश में पुलिस की टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं, वहीं मामले में शेरू सिंह और सोशल मीडिया कनेक्शन की भी जांच जारी है.

पटना में बहुचर्चित चंदन मिश्रा हत्याकांड की जांच ने अब नया मोड़ ले लिया है. मामले के मुख्य आरोपी तौसीफ ने पुलिस रिमांड के दौरान बड़ा खुलासा किया है. पूछताछ में तौसीफ ने कबूल किया कि वो ऑनलाइन जुए में 20 लाख रुपये गंवा बैठा था और भारी कर्ज में डूब गया था. कर्ज के बोझ और बढ़ते मानसिक दबाव के चलते उसने इस हत्या की साजिश में शामिल होने का फैसला किया. तौसीफ का दावा है कि वो इस साजिश के मास्टरमाइंड शेरू सिंह को नहीं जानता, बल्कि उसका कनेक्शन उसके कज़िन नीशू के जरिए हुआ.
पुलिस रिमांड के दूसरे दिन तौसीफ भावुक हो गया और टूटकर अपने अपराध की परतें खोल दीं. उसने दावा किया कि इस पूरे ऑपरेशन की डील नीशू ने की थी, जो शेरू सिंह से जेल में मिला था. शेरू ने ही चंदन मिश्रा की पैरोल पर रिहाई की खबर के बाद उसकी हत्या का आदेश दिया था.
हत्या के बाद भटके रास्ता
तौसीफ ने पुलिस को बताया कि चंदन मिश्रा की हत्या के बाद वह और उसके साथी भागने की कोशिश में रास्ता भटक गए थे. गलती से वे पटना के परस अस्पताल में घुस गए, जहां तौसीफ ने स्टाफ से कहा कि उसके अंकल चंदन मिश्रा वहां भर्ती हैं. बिना किसी शक या जांच के वो अस्पताल से बाहर निकल गया.
फर्जी नंबर प्लेट और चोरी की बाइकों का इस्तेमाल
सूत्रों के अनुसार, वारदात में इस्तेमाल हथियार बक्सर से मंगवाए गए थे जबकि बाइक की व्यवस्था पटना में की गई थी. पुलिस ने एक अपाचे बाइक बरामद की है, जिस पर फर्जी नंबर प्लेट लगी थी. दूसरी बाइक अभी भी गायब है. पुलिस ने पुष्टि की है कि दोनों बाइक चोरी की थीं. तौसीफ की निशानदेही पर पुलिस ने गया स्थित उसकी बहन के घर से तीन मोबाइल फोन और सिम कार्ड बरामद किए हैं, जिनका इस्तेमाल वारदात के दौरान किया गया था. हत्या के तुरंत बाद तौसीफ ने ये डिवाइस वहीं छिपा दिए थे.
पांच शूटरों ने चलाईं 28 गोलियां
इस खौफनाक हत्या में चंदन मिश्रा पर कुल 28 गोलियां चलाई गईं. वारदात को अंजाम देने वाले पांच शूटरों में तौसीफ, बलवंत, रविरंजन, नीलेश और मोनू शामिल थे. तौसीफ ने कबूल किया कि जब तक उसे यकीन नहीं हो गया कि चंदन की मौत हो चुकी है, तब तक वो मौके से नहीं हटा. नीलेश और मोनू अभी भी फरार हैं, जिनकी तलाश में पुलिस की चार टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं.
'शेरू से कोई सीधा संबंध नहीं', तौसीफ का दावा
तौसीफ ने पुलिस को बताया कि उसका शेरू सिंह से कोई सीधा संपर्क नहीं था. उसने कहा कि उसकी कज़िन नीशू ने ही शेरू से डील की थी, जो पुरुलिया जेल में बंद है. शेरू ने चंदन मिश्रा की हत्या का आदेश दिया था और इसके बदले में हर शूटर को 5 लाख रुपये देने की बात कही गई थी. हालांकि, तौसीफ का कहना है कि उसे अब तक एक भी पैसा नहीं मिला.
पहचान छिपाने के लिए बदली शक्ल
जांच में पता चला है कि नीशू की एक महिला मित्र, जिससे वो तीन महीने पहले इंस्टाग्राम पर मिला था, उसने कोलकाता के एक गेस्ट हाउस में दो कमरे बुक किए थे. एक कमरा तौसीफ, भीम और हर्ष के लिए और दूसरा खुद के लिए. उसने ही पूरे ठहराव का खर्च उठाया था. हत्या के बाद, जब तौसीफ ने खुद को टीवी पर सीसीटीवी फुटेज में देखा, तो पहचान से बचने के लिए उसने गेस्ट हाउस में ही दाढ़ी मुंडवा ली और बाल कटवा लिए, ताकि कोई उसे पहचान ना सके.
जांच तेज, फरार आरोपियों की तलाश में जुटी पुलिस
इस केस में एक नया मोड़ तब आया जब आरा में एसटीएफ और शूटर्स के बीच मुठभेड़ हुई. पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस मुठभेड़ में पुलिस ने 10 राउंड फायर किए जबकि शूटर्स ने 13 राउंड जवाबी फायरिंग की. पुलिस की चार विशेष टीमें इस हत्याकांड की जांच में जुटी हुई हैं और फरार आरोपियों की तलाश के लिए लगातार छापेमारी कर रही हैं. पुलिस इस पूरे नेटवर्क की तह तक पहुंचने की कोशिश कर रही है, जिसमें जेल से लेकर सोशल मीडिया तक के लिंक सामने आ चुके हैं.


