विधवाओं और निराश्रित महिलाओं को मिलेगा आर्थिक संबल, सम्मान और आत्मनिर्भरता...मान सरकार ने दी 1170 करोड़ की सौगात
Punjab women empowerment scheme : पंजाब सरकार ने विधवाओं और निराश्रित महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए 2025–26 में 1170 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. अगस्त 2025 तक 6.66 लाख महिलाओं को 593.14 करोड़ रुपये की सीधी वित्तीय सहायता मिली है. यह योजना पारदर्शिता, आत्मनिर्भरता और गरिमा को बढ़ावा देती है. मुख्यमंत्री भगवंत मान और मंत्री डॉ. बलजीत कौर के नेतृत्व में यह पहल राज्य में महिला सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम है.

Punjab women empowerment scheme : पंजाब सरकार ने सामाजिक सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक और दूरदर्शी कदम उठाया है. मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में वित्तीय वर्ष 2025–26 के लिए विधवाओं और निराश्रित महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करने हेतु 1170 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है. यह पहल केवल वित्तीय मदद तक सीमित नहीं है, बल्कि महिलाओं को समाज में गरिमा, आत्मनिर्भरता और एक नई पहचान दिलाने का माध्यम बन रही है.
महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि अगस्त 2025 तक ही सरकार ने 593.14 करोड़ रुपये की राशि सीधे 6.66 लाख जरूरतमंद महिलाओं के बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी है. इस प्रक्रिया में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) प्रणाली अपनाई गई, जिससे पूरी योजना में पारदर्शिता बनी रही और बिचौलियों की कोई भूमिका नहीं रही. महिलाओं को यह राशि न केवल आर्थिक राहत दे रही है, बल्कि उन्हें अपने पैरों पर खड़े होने के लिए नई प्रेरणा भी दे रही है.
महिलाओं को मिल रही है आत्मनिर्भरता की ताकत
पारदर्शिता और भरोसे की नई मिसाल
इस योजना की सबसे खास बात यह है कि पूरा सिस्टम पारदर्शी बनाया गया है. कोई कागज़ी प्रक्रिया या लंबा इंतज़ार नहीं, बल्कि सरकार सीधे लाभार्थियों के खातों में पैसा भेज रही है. इससे जनता का सरकार पर विश्वास भी और मजबूत हुआ है. महिलाओं को समय पर और बिना किसी रुकावट के सहायता मिल रही है, जो किसी भी जनकल्याणकारी योजना की सफलता का महत्वपूर्ण आधार है.
पंजाब की ओर बढ़ता सशक्तिकरण का कारवां
डॉ. बलजीत कौर ने अपने वक्तव्य में इस बात पर भी जोर दिया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार महिलाओं के लिए एक सुरक्षित, सशक्त और समावेशी वातावरण तैयार करने की दिशा में लगातार काम कर रही है. 1170 करोड़ रुपये का यह बजटीय प्रावधान सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि उन लाखों महिलाओं के जीवन में आशा की किरण है जो वर्षों से संघर्ष कर रही थीं. अब वे बदलाव का चेहरा बन रही हैं.


