बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में शामिल होंगे ओवैसी? AIMIM प्रमुख ने दिया बड़ा बयान
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने महागठबंधन में शामिल होने की इच्छा जताई है. उन्होंने साफ किया कि अगर गठबंधन नहीं हुआ तो पार्टी सीमांचल सहित कई सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी.

बिहार की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है. दरअसल, एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने आगामी विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के विपक्षी महागठबंधन में शामिल होने की इच्छा जताई है. ओवैसी ने साफ किया है कि उनकी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को बिहार की सत्ता में दोबारा आने से रोकने के लिए महागठबंधन के साथ मिलकर लड़ना चाहती है.
हालांकि, ओवैसी ने ये भी स्पष्ट किया कि ये कोई पहली बार की कोशिश नहीं है. उन्होंने याद दिलाया कि 2020 के चुनावों में भी AIMIM ने महागठबंधन के साथ गठबंधन की पेशकश की थी, लेकिन बात नहीं बन सकी थी. इस बार AIMIM की ये राजनीतिक सक्रियता सीमांचल क्षेत्र में फिर से मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने की रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है.
'हम BJP को सत्ता में वापस नहीं आने देंगे' – ओवैसी
मीडिया रिपोर्टेस के अनुसार, असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हमारे पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने महागठबंधन के कई नेताओं से संपर्क किया है और स्पष्ट कहा है कि हमारा मकसद है कि बिहार में बीजेपी और एनडीए की वापसी ना हो. अब निर्णय महागठबंधन की पार्टियों पर निर्भर करता है.
'गठबंधन नहीं हुआ तो अकेले लड़ेंगे चुनाव'- ओवैसी
ओवैसी ने दो टूक शब्दों में कहा कि हम बिहार विधानसभा चुनाव में सीमांचल और उसके आसपास के क्षेत्रों से चुनाव लड़ेंगे. अगर महागठबंधन में बात नहीं बनी, तो हम हर सीट पर उम्मीदवार उतारने के लिए तैयार हैं. बस, सही समय का इंतजार करिए. अभी ये बताना जल्दबाजी होगी कि हम कितनी सीटों पर लड़ेंगे. ओवैसी के इस बयान से स्पष्ट संकेत मिलता है कि AIMIM बिहार चुनाव में किसी भी स्थिति में बड़ी भूमिका निभाने की तैयारी में है.
RJD-कांग्रेस नेताओं से भी हो चुकी है बातचीत
AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष और बिहार विधानसभा के एकमात्र विधायक अख्तरुल ईमान ने पहले ही इस बात की पुष्टि कर दी थी कि पार्टी ने आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव और कांग्रेस नेतृत्व से गठबंधन को लेकर संवाद किया है. उन्होंने कहा कि पार्टी ने कई दौर की बातचीत की है और अब अंतिम फैसला महागठबंधन की ओर से आना बाकी है.


