UP में खुशहाली की बयार, मजदूरी बढ़ाकर योगी सरकार ने जीता दिल, जानें नई दरें
उत्तर प्रदेश के लाखों ग्रामीण कृषि मज़दूरों के लिए बड़ी राहत की खबर आई है. योगी आदित्यनाथ सरकार ने उनकी न्यूनतम मज़दूरी में इज़ाफा करते हुए इसे ₹252 प्रतिदिन कर दिया है. पहले यह राशि ₹237 थी, यानी अब उन्हें रोजाना ₹15 अधिक मिलेगा. यह फैसला राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने और मज़दूरों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के उद्देश्य से लिया गया है.

उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाले कृषि मज़दूरों के लिए बड़ी राहत का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को न्यूनतम मज़दूरी दरों में इजाफा करने की घोषणा की। अब राज्य के कृषि क्षेत्र में कार्यरत मज़दूरों को ₹252 प्रतिदिन या ₹6552 प्रतिमाह की दर से वेतन मिलेगा। यह कदम ग्रामीण मज़दूरों को आर्थिक रूप से सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है.
न्यूनतम मजदूरी में बढ़ोतरी के साथ-साथ सरकार ने आंशिक रूप से कार्य करने वाले मज़दूरों के लिए 'न्यूनतम प्रति घंटा मजदूरी प्रणाली' भी लागू कर दी है. इसके तहत मज़दूरों को प्रतिदिन की मज़दूरी का एक-छठा हिस्सा प्रति घंटे के हिसाब से मिलेगा.
सभी कृषि कार्यों पर लागू होंगे नए वेतनमान
श्रम और रोजगार विभाग के प्रमुख सचिव एमके शन्मुग सुंदरम ने बताया कि ये नए वेतनमान पूरे राज्य में सभी प्रकार के कृषि और संबंधित कार्यों पर लागू होंगे। इसमें पारंपरिक खेती के साथ-साथ पशुपालन, मधुमक्खी पालन और मशरूम उत्पादन जैसे आधुनिक कृषि कार्य भी शामिल किए गए हैं.
कई विकल्पों में कर सकेंगे भुगतान
नए नियमों के अनुसार, मज़दूरी का भुगतान नकद, कृषि उपज या डिजिटल माध्यमों से किया जा सकता है। यह विकल्प नियोक्ता और श्रमिक दोनों के लिए लचीलापन प्रदान करेगा और लेन-देन को पारदर्शी बनाएगा.
घंटे के हिसाब से भी मिलेगी मजदूरी
सरकार ने पहली बार पार्ट टाइम काम करने वाले श्रमिकों के लिए न्यूनतम प्रति घंटा वेतन प्रणाली लागू की है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अल्पकालिक या आंशिक रूप से काम करने वाले मज़दूरों को भी समुचित मेहनताना मिले। यदि किसी मज़दूर को पहले से ही इससे अधिक वेतन मिल रहा है, तो वह दर बनी रहेगी और वही न्यूनतम मानक मानी जाएगी.
ई-श्रम पोर्टल से जोड़े गए मजदूर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “श्रमिकों के हितों की रक्षा करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।” सरकार पहले ही असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को ई-श्रम पोर्टल के माध्यम से विभिन्न योजनाओं से जोड़ चुकी है। अब न्यूनतम वेतन में यह वृद्धि राज्य में काम कर रहे लाखों ग्रामीण मज़दूरों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने की दिशा में बड़ा कदम है.


