Google को बेचना पड़ सकता है ये खास फीचर? Ad सर्विसेस के गलत इस्तेमाल का आरोप
अमेरिका की सरकार और राज्यों ने गूगल पर डिजिटल विज्ञापन बाजार में एकाधिकार का आरोप लगाया है, जिससे गूगल को अपनी एड टेक यूनिट बेचने का खतरा हो सकता है, जिसका असर कंपनी की कमाई और व्यवसाय मॉडल पर पड़ सकता है.

अमेरिका की सरकार और कई राज्यों ने गूगल के खिलाफ डिजिटल एड मार्केट में एकाधिकार (Monopoly) बनाने का आरोप लगाया है. सरकार का कहना है कि गूगल ने अपनी एडवरटाइजिंग सर्विसेस का गलत इस्तेमाल किया है और इससे दूसरी कंपनियां पीछे धकेली गई हैं. इस मामले को वॉशिंगटन की कोर्ट में सही ठहराया गया है, जिससे अब गूगल के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं. अगर गूगल ये मुकदमा हारता है, तो उसे अपनी एड टेक यूनिट, जैसे कि Google Ad Manager को बेचना पड़ सकता है. इस पूरे मामले का असर ना केवल गूगल के बिजनेस मॉडल पर पड़ेगा, बल्कि डिजिटल एड इंडस्ट्री में भी व्यापक बदलाव देखने को मिल सकते हैं.
ये विवाद गूगल के डिजिटल विज्ञापन प्लेटफार्म की शक्ति और बाजार में उसके दबदबे को लेकर है. गूगल के खिलाफ आरोप ये है कि उसने अपनी बाजार की स्थिति का लाभ उठाकर विज्ञापन की कीमतें बढ़ाई और प्रतिस्पर्धा को नुकसान पहुंचाया.
गूगल पर क्या है आरोप?
अमेरिका की सरकार और कई राज्यों ने गूगल पर आरोप लगाया है कि उसने अपने डिजिटल विज्ञापन प्लेटफार्म के जरिए दूसरी कंपनियों को पीछे धकेलते हुए खुद को एकाधिकार की स्थिति में डाल लिया है. सरकार का कहना है कि गूगल ने विज्ञापनदाताओं को कम विकल्प दिए हैं, जिससे बाजार में प्रतिस्पर्धा समाप्त हो रही है और विज्ञापनों की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं.
गूगल के लिए खतरा
वॉशिंगटन की कोर्ट ने गूगल के खिलाफ लगाए गए आरोपों को सही माना है. अगर गूगल ये मुकदमा हारता है, तो उसे अपनी कुछ प्रमुख सर्विसेस बेचनी पड़ सकती हैं. इसमें सबसे अहम गूगल का विज्ञापन प्रबंधन प्लेटफॉर्म Google Ad Manager हो सकता है. इस कदम से गूगल के विज्ञापन व्यवसाय में एक बड़ा बदलाव आ सकता है, जिससे उसकी मौजूदा व्यवसायिक रणनीतियों पर असर पड़ेगा और उसे नए तरीके से अपने व्यवसाय को पुनः आकार देना पड़ सकता है.
गूगल ने इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि उसने कोई गलत काम नहीं किया है. गूगल का दावा है कि उसकी प्लेटफार्म की सेवाओं से ना केवल उपयोगकर्ताओं, बल्कि विज्ञापनदाताओं को भी फायदा हुआ है.
गूगल पर पड़ सकता है बड़ा असर
अगर गूगल को अपनी एड टेक यूनिट बेचनी पड़ी, तो इसका असर सीधे तौर पर यूजर्स और विज्ञापनदाताओं पर पड़ेगा. गूगल के प्रमुख प्लेटफार्म जैसे जीमेल, गूगल मैप्स और गूगल सर्च पर दिखने वाले विज्ञापनों में कमी आ सकती है. इसके साथ ही, विज्ञापनदाताओं को अधिक विकल्प मिलेंगे और प्रतिस्पर्धा बढ़ने से विज्ञापन की कीमतों में कमी आ सकती है.
गूगल की कमाई पर असर
गूगल की कुल कमाई का एक बड़ा हिस्सा डिजिटल विज्ञापनों से आता है. रिपोर्ट्स के अनुसार, साल 2024 में गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट की कुल कमाई का करीब 75 प्रतिशत हिस्सा विज्ञापनों से था. ऐसे में अगर गूगल को अपनी एड टेक यूनिट को बेचना पड़ा, तो इसका सीधा असर कंपनी की कमाई पर पड़ सकता है. गूगल के लिए ये एक बड़ी चुनौती हो सकती है, क्योंकि विज्ञापन से उसकी मुख्य आय होती है और इस बदलाव से उसके व्यावासिक मॉडल में गंभीर परिवर्तन हो सकते हैं.


