बढ़िया सैलरी और हाई प्रोफाइल कंपनी में जॉब को महिला ने ठुकराया, अब चिड़ियाघर में....
चीन की एक 25 वर्षीय महिला ने केम्ब्रिज विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की थी. उसने एक प्रतिष्ठित बायोफार्मास्युटिकल कंपनी की नौकरी छोड़कर शंघाई चिड़ियाघर में काम करना शुरू कर दिया है. जिआंगसु प्रांत की रहने वाली इस महिला ने बताया कि नया काम न केवल उनके लिए अधिक सक्रिय जीवनशैली लेकर आया है. शोधकर्ता को पहले अपनी कंपनी में प्रति माह औसतन 10,000 युआन (लगभग 1,400 अमेरिकी डॉलर) का वेतन मिलता था, जबकि चिड़ियाघर में उनकी तनख्वाह लगभग आधी रह गई है.

चीन की एक 25 वर्षीय महिला ने केम्ब्रिज विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की थी. उसने एक प्रतिष्ठित बायोफार्मास्युटिकल कंपनी की नौकरी छोड़कर शंघाई चिड़ियाघर में काम करना शुरू कर दिया है. जिआंगसु प्रांत की रहने वाली इस महिला ने बताया कि नया काम न केवल उनके लिए अधिक सक्रिय जीवनशैली लेकर आया है, बल्कि उन्हें मूल्यवान अनुभव भी प्रदान कर रहा है.
तनख्वाह में कटौती लेकिन कोई पछतावा नहीं
रिपोर्ट्स के अनुसार, शोधकर्ता को पहले अपनी कंपनी में प्रति माह औसतन 10,000 युआन (लगभग 1,400 अमेरिकी डॉलर) का वेतन मिलता था, जबकि चिड़ियाघर में उनकी तनख्वाह लगभग आधी रह गई है. हालांकि, उन्होंने कहा कि इस वेतन कटौती का उन्हें कोई पछतावा नहीं है.
उन्होंने कहा कि चिड़ियाघर में काम करने से मुझे जानवरों को करीब से देखने और उनके भोजन व बीमारियों पर शोध करने का अवसर मिलता है. यह मेरे लिए एक अनूठा अनुभव है.
स्वास्थ्य और अनुसंधान को प्राथमिकता
उन्होंने यह भी बताया कि चिड़ियाघर में काम करने से उनका स्वास्थ्य बेहतर हुआ है, क्योंकि अब वे सक्रिय जीवनशैली जी रही हैं और ऑफिस में लंबे समय तक बैठने की दिनचर्या से मुक्त हो गई हैं.
उन्होंने फरवरी 2023 से चिड़ियाघर में पूर्णकालिक रूप से काम करना शुरू किया और अब तक हाथियों, दरियाई घोड़ों, बंदरों, बाघों और लाल पांडा जैसे जानवरों की देखभाल कर चुकी हैं. वर्तमान में वे हिरण और बकरियों की देखभाल कर रही हैं.
अनुभव और ज्ञान का संगम
महिला का कहना है कि चिड़ियाघर में काम करने से उन्हें जानवरों के पोषण और बीमारियों के उपचार पर शोध करने का अवसर मिल रहा है. इसके अलावा, यह व्यावहारिक पशु चिकित्सा कौशल सीखने और अपनी शिक्षा के दौरान प्राप्त सैद्धांतिक ज्ञान को और मजबूत करने का एक बेहतरीन जरिया है.
उन्होंने यह भी साझा किया कि चिड़ियाघर के जानवरों ने उन्हें सिखाया कि कैसे उनके साथ सम्मानजनक तरीके से पेश आना चाहिए, उनकी जंगली प्रवृत्तियों को समझना चाहिए और उनके स्वाभाविक व्यवहार को बनाए रखने में मदद करनी चाहिए. उनके माता-पिता भी उनके इस पेशेवर निर्णय का पूरा समर्थन कर रहे हैं.


