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मसूरी से शुरू हुआ वैलेंटाइन डे, भारत में प्रेम का पहला इज़हार

वैलेंटाइन डे की शुरुआत मसूरी, उत्तराखंड से हुई थी, जब 14 फरवरी 1843 को मोगर मांक ने अपनी बहन को प्रेम पत्र लिखा. ये दिन केवल रोमांटिक प्यार का नहीं, बल्कि सभी प्रकार के प्रेम, दोस्ती, और रिश्तों का उत्सव है. मसूरी आज भी इस दिन को खास तरीके से मनाने के लिए एक लोकप्रिय स्थल है, जहां विशेष कार्यक्रम आयोजित होते हैं.

वैलेंटाइन डे, जिसे आज पूरी दुनिया में प्रेम, स्नेह और रिश्तों के उत्सव के रूप में मनाया जा रहा है. इसकी शुरुआत एक दिलचस्प कहानी मसूरी, उत्तराखंड से है. भारत में इस दिन को मनाने की परंपरा मसूरी से ही शुरू हुई, जब 14 फरवरी 1843 को इंग्लैंड के मोगर मांक ने अपनी बहन मार्ग्रेट मांक को एक पत्र लिखा था. इस पत्र में मोगर ने अपनी भावनाओं का इज़हार करते हुए बताया था कि वह एलिजाबेथ लुईन नाम की युवती से प्रेम करते हैं. ये पत्र आज भी मसूरी मर्चेंट द इंडियन लैटर्स पुस्तक में दर्ज है, जो भारतीय भूमि पर वैलेंटाइन डे के उत्सव की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है. 

इस ऐतिहासिक घटना के बाद, मसूरी में वैलेंटाइन डे मनाने की परंपरा शुरू हुई, जो धीरे-धीरे भारत के अन्य हिस्सों में फैल गई. आज, ये दिन प्रेमियों के लिए खास होता है और मसूरी में 14 फरवरी को विशेष रूप से प्रेम के प्रतीक के रूप में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इस दिन को मनाने का तरीका आज भी मसूरी के खूबसूरत दृश्यों और शांत वातावरण के साथ जुड़ा हुआ है. 

वैलेंटाइन डे की शुरुआत और महत्व

गोपाल भारद्वाज, जो कि एक प्रसिद्ध इतिहासकार हैं और मसूरी में रहते हैं. वो बताते हैं कि 14 फरवरी 1843 को मोगर मांक का पत्र भारत में प्रेम के इस खास दिन की शुरुआत का प्रतीक है. इस दिन का संबंध सिर्फ रोमांटिक प्यार से नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज में प्यार के विभिन्न रूपों का सम्मान करने का एक अवसर भी है. गोपाल भारद्वाज के अनुसार, 'वैलेंटाइन डे केवल रोमांटिक रिश्तों का ही उत्सव नहीं है, बल्कि ये दोस्ती, परिवार, आत्म-सम्मान और आत्मीयता जैसे प्यार के अन्य रूपों को भी मनाने का दिन है.'

मसूरी में वैलेंटाइन डे का जश्न

मसूरी, जो अपने खूबसूरत नजारों और शांत वातावरण के लिए प्रसिद्ध है, आज भी वैलेंटाइन डे को बेहद खास तरीके से मनाने के लिए एक लोकप्रिय स्थल बना हुआ है. इस दिन के दौरान, यहां के कैफे और होटलों में विशेष डिनर, संगीत कार्यक्रम और कला प्रदर्शन आयोजित किए जाते हैं. इसके साथ ही, प्रेम के प्रतीक के रूप में गुलाब के फूलों का वितरण भी होता है. स्थानीय लोग और पर्यटक इस दिन को खास बनाने के लिए मसूरी की हसीन वादियों में समय बिताने आते हैं. 

वैलेंटाइन डे पर विवाद

हालांकि वैलेंटाइन डे को लेकर समय-समय पर विवाद भी उठते रहे हैं. कुछ लोग इसे केवल एक व्यवसायिक अवसर मानते हैं, जहां महंगे तोहफों और उपहारों का दबाव महसूस किया जाता है. उनका यह भी कहना है कि इस दिन को व्यापारी वर्ग ने एक बड़े कारोबारी अवसर के रूप में बदल दिया है, जिससे प्रेम और रिश्तों के वास्तविक अर्थ में कमी आ सकती है. इस संबंध में गोपाल भारद्वाज कहते हैं, 'वैलेंटाइन डे का असली उद्देश्य प्रेम और रिश्तों के महत्व को बढ़ावा देना है, ना कि इसे भौतिक उपहारों तक सीमित करना.'

समग्र दृष्टिकोण: प्यार का जश्न

वैलेंटाइन डे आज सिर्फ रोमांटिक प्रेमियों का दिन नहीं रह गया है, बल्कि यह समग्र रूप से सभी प्रकार के प्रेम, स्नेह और रिश्तों के सम्मान का दिन बन गया है. चाहे वह दोस्ती हो, परिवार का प्यार हो या आत्मीयता, यह दिन सभी को अपने भावनाओं का इज़हार करने और उन्हें मान्यता देने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करता है. 

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14 February 2025, 12:01 PM IST

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