एलएसी से सटे अक्साई चिन में बीजिंग की नई चाल, पैंगोंग झील से नेपाल तक बिछाने जा रहा रेलवे लाइन
चीन दुनिया भर में अपनी विस्तारवाद नीति को लेकर जाना जाता है। चीन का इरादा हमेशा पड़ोसी देशों की सीमा पर कब्जा करने का रहता है। ताइवान से लेकर नेपाल तक में चीन अपनी पैठ जमाना चाहता है। कई सालों से चीन की नजर भारत के अरुणाचल और लद्दाख पर है। अब खबर है कि बीजिंग ने भारतीय सीमा से सटे अक्साई चिन में पैंगोंग झील तक रेलवे लाइन बिछाने की तैयारी शुरू कर दी है। चीन की यह रेलवे लाइन शिंजियांग और तिब्बत को जोड़ेगी।

चीन दुनिया भर में अपनी विस्तारवाद नीति को लेकर जाना जाता है। चीन का इरादा हमेशा पड़ोसी देशों की सीमा पर कब्जा करने का रहता है। ताइवान से लेकर नेपाल तक में चीन अपनी पैठ जमाना चाहता है। कई सालों से चीन की नजर भारत के अरुणाचल और लद्दाख पर है। अब खबर है कि बीजिंग ने भारतीय सीमा से सटे अक्साई चिन में पैंगोंग झील तक रेलवे लाइन बिछाने की तैयारी शुरू कर दी है। चीन की यह रेलवे लाइन शिंजियांग और तिब्बत को जोड़ेगी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की यह रेलवे लाइन अक्साई चिन में भारत से सटे एलएसी के पास से होकर गुजरेगी।तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र की सरकार द्वारा इस रेलवे लाइन की जानकारी दी है। माना जा रहा है कि शिआगात्से से पखूक्त्सो तक रेलवे लाइन के पहले चरण का काम 2025 तक पूरा हो जाएगा। वही बाकी की रेलवे लाइन का कार्य साल 2035 का कार्य होने की उम्मीद है और यह रेलवे लाइन होटान तक जाएगी। खबर है कि चीन ने अक्साई चिन में पैंगोंग झील तक रेलवे लाइन बिछाने का काम पूरा कर दिया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीन का यह रेलवे प्रोजेक्ट भारत के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि यह रेलवे लाइन अक्साई चीन में भारत से सटे एलएसी के नजदीक से होकर जाएगी। इस रेल प्रोजेक्ट के पहले चरण का काम 2025 तक पूरा हो जाएगा। जबकि दूसरे चरण का काम 2035 तक पूरा होने की उम्मीद है। पहले चरण में शिआगात्से से लेकर पखूक्त्सो तक और दूसरे चरण में रेलवे लाइन होटान तक जाएगी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने पिछले सप्ताह रेल परियोजना को सार्वजनिक करते हुए बताया था कि उसकी योजना है कि रेलवे लाइन को 1400 किलोमीटर से बढ़ाकर साल 2025 तक 4000 किलोमीटर करना है। जानकारी के मुताबिक, चीन की यह रेल योजना तिब्बत में शिगात्से से शुरू होगी और उत्तर पश्चिम में नेपाल बॉर्डर से होकर जाएगी। इसके अलावा यह अक्साई चीन से होकर गुजरेगी और शिंजियांग के होटान में समाप्त होगी।


