सोने की महंगी कीमतों के बावजूद बरकरार रही चमक... अक्षय तृतीया पर 12,000 करोड़ रुपये की खरीदारी
अक्षय तृतीया 2025 पर रिकॉर्ड तोड़ दामों के बावजूद भारत में 16,000 करोड़ रुपये का सोना-चांदी बिका, जिससे बाजार में खरीदारों की मजबूत आस्था और उत्साह साफ झलकता है.

अक्षय तृतीया भारत में समृद्धि और शुभता का प्रतीक मानी जाती है और इस दिन सोना खरीदना एक शुभ परंपरा के रूप में देखा जाता है. साल 2025 की अक्षय तृतीया पर भले ही सोने की कीमतें आसमान छू रही थीं, लेकिन खरीदारों का उत्साह ज़रा भी कम नहीं दिखा. देशभर में 10 ग्राम सोने की कीमत 99,500 रुपये से 99,900 रुपये के बीच रही, जो 2024 की तुलना में करीब 37.6% ज्यादा है, जब ये कीमत 72,300 रुपये थी.
फिर भी, सोने के दामों में इस जबरदस्त उछाल ने ग्राहकों को रोका नहीं. कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के मुताबिक, देशभर में करीब 12,000 रुपये करोड़ की सोने से जुड़ी चीजें इस पर्व पर बिकीं. ये दर्शाता है कि भारतीय बाजार में अब भी सोने को लेकर आस्था और मजबूत मांग बनी हुई है.
बाजार में उत्साह कायम
PNG ज्वेलर्स के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर सौरभ गाडगिल ने कहा कि बाजार में उपभोक्ता भावना काफी सकारात्मक बनी हुई है. लोग उच्च कीमतों के बावजूद सोने, चांदी और हीरे के आभूषणों में लगातार रुचि दिखा रहे हैं. ऑल इंडिया जेम एंड ज्वेलरी डोमेस्टिक काउंसिल (GJC) के चेयरमैन राजेश रोकड़े ने बताया कि जिन उपभोक्ताओं ने उच्च कीमतों के चलते पहले खरीदारी नहीं की थी, वे अब कीमतों में स्थिरता देख खरीदारी कर रहे हैं.
पुराने सोने के एक्सचेंज से हुई 50% से ज्यादा खरीद
उन्होंने ने ये भी जानकारी दी कि करीब 50% खरीददारी पुराने सोने के एक्सचेंज के माध्यम से की गई, जिससे उपभोक्ताओं को बजट में रहते हुए त्योहार और शादियों की खरीदारी करने का मौका मिला. उन्होंने आगे कहा कि हालांकि वॉल्यूम में 8-9% की मामूली गिरावट हो सकती है, लेकिन वैल्यू टर्म्स में हम 20-25% की वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं, जो बाजार की मजबूती का संकेत है.
जड़ी आभूषणों और लैब-ग्रो हीरों की बढ़ती मांग
GSI इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर रमित कपूर ने बताया कि इस बार देश के प्रमुख बाजारों में स्टडेड ज्वेलरी की मांग में इजाफा देखा गया. वहीं Aukera की सीईओ लीसा मुखेदकर ने कहा कि लैब-ग्रो हीरे इस बार अक्षय तृतीया पर खास आकर्षण का केंद्र बने रहे. ऑल इंडिया ज्वेलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन के अध्यक्ष पंकज अरोड़ा ने अनुमान जताया कि इस बार करीब 12 टन सोने (मूल्य ₹12,000 करोड़) और 400 टन चांदी (मूल्य ₹4,000 करोड़) की बिक्री हुई है. कुल मिलाकर इस अक्षय तृतीया पर लगभग 16,000 रुपये करोड़ के कारोबार का अनुमान है.
सोने की मांग, आयात में कोई गिरावट नहीं
विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले 3 सालों में सोने की कीमतों में रिकॉर्ड वृद्धि के बावजूद इसकी मांग में कोई गिरावट नहीं आई है. भारत हर साल करीब 700-800 टन सोना आयात करता है, जिससे स्पष्ट है कि सोना अब भी भारतीयों की पहली पसंद बना हुआ है.


