खुशखबरी! सब्जियों और ईंधन की कीमतों में गिरावट, आम आदमी को राहत
जून 2025 में भारत की थोक महंगाई दर घटकर 0.13% हो गई, जो 20 महीनों में सबसे कम है. खाने-पीने की चीजों, ईंधन और बिजली की कीमतों में गिरावट से आम आदमी को राहत मिली. रिटेल महंगाई 2.82% रही. RBI ने FY26 का अनुमान घटाकर 4% किया.

भारत में जून 2025 में महंगाई के मोर्चे से राहत की खबर आई है. थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित महंगाई दर सालाना आधार पर सिर्फ 0.13% रही, जो अक्टूबर 2023 के बाद सबसे निचला स्तर है. मई में यह दर 0.39% थी, यानी महंगाई का ग्राफ तेजी से नीचे आया है. खाने-पीने की चीजों और ईंधन की कीमतों में गिरावट ने इस राहत में अहम भूमिका निभाई है.
रसोई से राहत: सब्जियां और दालें सस्ती
खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर में तेज गिरावट देखी गई.
- सब्जियां: 22.65% की दर से सस्ती हुईं (मई में 21.62%)
- प्याज: 33.49% महंगा हुआ, लेकिन
- आलू: 32.67% सस्ता हुआ
- दालें: 22.65% की गिरावट
- अनाज: महंगाई दर 3.75% रही
इससे आम आदमी को सीधे तौर पर राहत मिली है क्योंकि रसोई के ज़रूरी सामान सस्ते हुए हैं.
ईंधन और बिजली के दाम में बड़ी गिरावट
ईंधन और बिजली की महंगाई दर जून में 2.52% रही, जो मई में 22.27% थी. इसका मतलब है कि पेट्रोल, डीजल और बिजली की दरों में भारी गिरावट आई है. इससे व्यापारियों और उपभोक्ताओं दोनों को लाभ हुआ.
मैन्युफैक्चरिंग और प्राथमिक वस्तुएं
WPI बास्केट का बड़ा हिस्सा कवर करने वाले मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की महंगाई दर 1.97% रही. वहीं, प्राथमिक वस्तुओं की महंगाई जून में 3.38% घटी, जो मई में 2.02% कम थी.
रिटेल महंगाई भी 6 साल के निचले स्तर पर
मई 2025 में रिटेल महंगाई (CPI) 2.82% पर रही, जो फरवरी 2019 के बाद सबसे कम है. इससे संकेत मिलता है कि थोक और खुदरा दोनों स्तरों पर महंगाई काबू में है.
RBI का अनुमान और नीति
RBI ने FY26 के लिए महंगाई अनुमान को 4.2% से घटाकर 4% कर दिया है.
- Q1: 3.6%
- Q2: 3.9%
- Q3: 3.8%
- Q4: 4.4%
RBI का मानना है कि फिलहाल महंगाई के जोखिम संतुलित हैं.


