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आम नागरिक पर नए Income Tax Bill का असर, जानें कैसे करेगा मदद?

Income Tax Bill 2025: नया आयकर विधेयक 2025 आज (13 फरवरी) पेश किया जाएगा. इस विधेयक में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जो न केवल आम नागरिकों के लिए कराधान प्रक्रिया को समझने में आसान बनाएंगे, बल्कि करदाताओं को अधिक स्पष्टता और अधिकार भी प्रदान करेंगे. आइए जानते हैं कि ये आपकी कैसे मदद करेगा.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

Income Tax Bill 2025: आज (13 फरवरी) संसद में नया आयकर विधेयक, 2025 पेश किया जाएगा. इस विधेयक का उद्देश्य आम नागरिकों के लिए कराधान प्रक्रिया को सरल बनाना है, जो वर्तमान में आयकर अधिनियम, 1961 के तहत संचालित हो रही है. इस विधेयक में किए गए बदलावों से न केवल करदाताओं के लिए यह प्रक्रिया समझने में आसान होगी, बल्कि इससे कराधान में भी पारदर्शिता और सरलता आएगी. लेकिन सवाल यह है कि यह नया विधेयक आम नागरिकों के लिए किस तरह फायदेमंद होगा?

नया आयकर विधेयक 2025 नागरिकों के लिए एक सकारात्मक कदम साबित हो सकता है. यह विधेयक कराधान प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाएगा, जिससे न केवल नागरिकों को बल्कि पूरे देश को लाभ होगा. आइए जानते हैं कि इस विधेयक में क्या प्रमुख बदलाव किए गए हैं और ये आम आदमी के लिए किस प्रकार सहायक साबित होंगे.

नए आयकर विधेयक का संक्षिप्त परिचय

नया आयकर विधेयक 2025 में 536 धाराएं, 23 अध्याय और 16 अनुसूचियां शामिल हैं. यह विधेयक पहले के आयकर अधिनियम 1961 की तुलना में अधिक संक्षिप्त और सुलभ है. नए कानून की पृष्ठ संख्या 622 है, जो पुराने कानून से लगभग आधी है. इससे कानून की जटिलताओं को समाप्त करने में मदद मिलेगी और आम आदमी को इसे समझने में आसानी होगी.

नया विधेयक कराधान प्रक्रिया को सरल बनाता है. इसमें कई शब्दों और शर्तों को हटाकर इसे स्पष्ट और सरल किया गया है, जैसे कि "पिछले वर्ष" शब्द को हटा कर "कर वर्ष" शब्द का प्रयोग किया गया है. इससे मूल्यांकन वर्ष से जुड़ी भ्रमित करने वाली शब्दावली भी समाप्त हो गई है.

सरल भाषा और अस्पष्टता में कमी

इस विधेयक में किए गए अन्य महत्वपूर्ण बदलावों में से एक है "फ्रिंज बेनिफिट टैक्स" जैसी अनावश्यक धाराओं का समापन. इसके अलावा, "बावजूद" शब्द को हटा कर उसे "इतर" से बदल दिया गया है, जिससे कि कानून का पालन करने में किसी प्रकार की भ्रम की स्थिति नहीं बनी रहेगी.

विधेयक में करदाताओं के लिए तालिकाओं और सूत्रों का भी प्रावधान किया गया है, जिससे उन्हें टीडीएस, अनुमानित कराधान, वेतन और खराब ऋणों से संबंधित कटौती में सहायता मिल सकेगी. इसके साथ ही, कर्मचारियों के स्टॉक विकल्प (ईएसओपी) पर कर को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है.

करदाता चार्टर और महत्वपूर्ण निर्णयों का समावेश

विधेयक में "करदाता चार्टर" की भी घोषणा की गई है, जिसमें करदाताओं के अधिकारों और दायित्वों का उल्लेख किया गया है. इसके अलावा, पिछले 60 वर्षों के महत्वपूर्ण निर्णयों को विधेयक में शामिल किया गया है, जिससे करदाताओं को अधिक स्पष्टता मिलेगी.

कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब 23 अध्यायों में विभाजित, 536 धाराओं और 16 अनुसूचियों, 600 से अधिक पृष्ठों वाले नए विधेयक पर एक त्वरित नज़र डालने से 298 धाराओं और 14 अनुसूचियों वाले मौजूदा आयकर अधिनियम की तुलना में इसकी व्यापकता का पता चलता है. व्याख्या और समझ को आसान बनाने के लिए नए संस्करण से स्पष्टीकरण और शर्तों की अवधारणाएँ हटा दी गई हैं.

अनुपालन और डिजिटल शासन में सुधार

नए आयकर विधेयक में संरचित दृष्टिकोण को दर्शाया गया है, जिसमें आधुनिक अनुपालन तंत्र, डिजिटल शासन और व्यवसायों तथा व्यक्तियों के लिए सुव्यवस्थित प्रावधान शामिल हैं. रजत मोहन, एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ भागीदार, ने पीटीआई-भाषा को बताया, "धाराओं में यह वृद्धि कर प्रशासन के प्रति अधिक संरचित दृष्टिकोण को दर्शाती है." नया आयकर विधेयक, मौजूदा प्रावधानों में से 50 प्रतिशत को कम करने के लिए तैयार है, जो कर कानूनों को सरल बनाने और छह दशक पुराने आयकर अधिनियम 1961 को बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

आयकर अधिनियम 1961 की जटिलताओं से मुक्ति

नई आयकर विधेयक की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह आयकर अधिनियम 1961 की जटिलताओं को खत्म करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. इस विधेयक से करदाताओं को अधिक कर निश्चितता मिलेगी और विवादों में कमी आएगी. इसके साथ ही, कर प्रशासकों और व्यवसायों के लिए भी अनुपालन की प्रक्रिया आसान हो जाएगी.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025-26 में घोषणा की थी कि नया कर विधेयक संसद के चालू सत्र में पेश किया जाएगा. इस विधेयक को आगे विचार-विमर्श के लिए संसद की स्थायी समिति के पास भेजा जाएगा.

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13 February 2025, 10:20 AM IST

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