ईरान की धमकी से खतरे में तेल व्यापार, भारत की जेब पर पड़ सकता है असर!
Strait of Hormuz: ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के बीच ईरान ने दुनिया के सबसे अहम तेल मार्ग, होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने की चेतावनी दी है. अमेरिका द्वारा ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर हमले के बाद यह धमकी दी गई है, जिससे वैश्विक और भारतीय तेल आपूर्ति पर बड़ा खतरा मंडराने लगा है.

Strait of Hormuz: ईरान और इजरायल के बीच जारी तनाव और उसमें अमेरिका के भी शामिल हो जाने के बाद हालात और गंभीर हो गए हैं. अमेरिका ने ईरान के तीन अहम परमाणु ठिकानों पर बमबारी की है, जिसके जवाब में ईरान ने दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण तेल रूट होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने की धमकी दी है. अगर ईरान यह कदम उठाता है, तो इससे वैश्विक और भारतीय तेल आपूर्ति पर गहरा असर पड़ सकता है.
होर्मुज जलडमरूमध्य से दुनिया के लगभग 20% कच्चे तेल का परिवहन होता है. यह रास्ता ओमान और ईरान के बीच स्थित है और प्रतिदिन लगभग 1.8 करोड़ बैरल तेल और अन्य ईंधन इसी मार्ग से गुजरते हैं. ऐसे में इसकी बंदी वैश्विक ऊर्जा संकट को जन्म दे सकती है.
भारत पर क्या असर पड़ेगा?
अगर ईरान अपनी धमकी को अंजाम देता है, तो भारत को बड़ा झटका लग सकता है. भारत अपनी करीब 40% कच्चे तेल और 50% से ज्यादा तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) की आपूर्ति इसी मार्ग के जरिए करता है. भारत की LNG आपूर्ति में अकेले कतर की हिस्सेदारी लगभग 80% है, जबकि संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से भी बड़ी मात्रा में गैस आती है. ये दोनों देश होर्मुज जलडमरूमध्य पर निर्भर हैं.
क्यों है यह रास्ता इतना संवेदनशील?
होर्मुज जलडमरूमध्य की चौड़ाई सबसे संकरी जगह पर सिर्फ 33 किलोमीटर है, जबकि शिपिंग लेन केवल 3 किलोमीटर चौड़ी है. इसका संकरा और रणनीतिक रूप से अहम होना ही इसे असुरक्षित बनाता है. ईरान इस मार्ग को दबाव बनाने के एक हथियार के रूप में देखता है और उसे इस पर नियंत्रण रखने वाले द्वीपों – क़ेश्म और हेंगम – का लाभ मिलता है.
पहले भी दे चुका है ईरान धमकी
यह पहली बार नहीं है जब ईरान ने इस मार्ग को बंद करने की धमकी दी है. जनवरी 2012 में भी ईरान ने अमेरिका और यूरोपीय प्रतिबंधों के विरोध में ऐसा करने की चेतावनी दी थी, लेकिन उसने यह कदम नहीं उठाया. मई 2019 में, इस मार्ग के पास चार जहाजों पर हमला हुआ था, जिनमें दो सऊदी टैंकर भी शामिल थे.
जुलाई 2021 में एक इजरायली टैंकर पर ओमान के तट के पास हमला हुआ, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी. इजरायल ने इसके लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया था, लेकिन तेहरान ने आरोपों से इनकार किया.
हाल के घटनाक्रम
2023 और 2024 में ईरान ने इस जलमार्ग के पास तीन पोतों को जब्त किया. पिछले सप्ताह से शुरू हुई ईरान-इजरायल टकराव के बाद GPS में इंटरफेरेंस की घटनाएं भी बढ़ी हैं, जिससे 1,000 से अधिक जहाज प्रभावित हुए हैं.
बहरीन में तैनात अमेरिका का फिफ्थ फ्लीट इस क्षेत्र में वाणिज्यिक जहाजों की सुरक्षा का जिम्मा संभालता है, लेकिन हालिया तनाव ने उसकी चुनौतियां बढ़ा दी हैं.
वैकल्पिक मार्ग कितने प्रभावी?
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, UAE और सऊदी अरब होर्मुज को बायपास करने के वैकल्पिक मार्ग खोजने की कोशिश कर रहे हैं. अमेरिका की एनर्जी इंफॉर्मेशन एडमिनिस्ट्रेशन (EIA) के मुताबिक, UAE और सऊदी अरब के मौजूदा पाइपलाइनों में लगभग 2.6 मिलियन बैरल प्रतिदिन की अतिरिक्त क्षमता मौजूद है, जिससे होर्मुज को आंशिक रूप से बायपास किया जा सकता है.


