भारत की तेज ग्रोथ पर जापानी बैंकों का भरोसा, श्रीराम फाइनेंस में 40 हजार करोड़ का करेगा मेगा निवेश
जापान के सबसे बड़े बैंक MUFG ने श्रीराम फाइनेंस में करीब 40,000 करोड़ रुपये का भारी-भरकम निवेश करने का फैसला किया है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह सिर्फ एक कंपनी के लिए नहीं, बल्कि पूरे भारतीय NBFC और बैंकिंग सेक्टर के लिए बहुत बड़ा पॉजिटिव संकेत है.

नई दिल्ली: भारत का फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्टर एक बार फिर वैश्विक निवेशकों के रडार पर आ गया है. जापान के मित्सुबिशी यूएफजे फाइनेंशियल ग्रुप (MUFG) द्वारा श्रीराम फाइनेंस लिमिटेड में 20% हिस्सेदारी के लिए करीब 40,000 करोड़ रुपये (लगभग 4.5 बिलियन डॉलर) के निवेश की घोषणा के बाद बाजार और इंडस्ट्री में हलचल तेज हो गई है. यह सौदा नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC) सेक्टर में किसी विदेशी लेंडर का अब तक का सबसे बड़ा रणनीतिक निवेश माना जा रहा है.
इस डील को भारतीय बैंकिंग सिस्टम और अर्थव्यवस्था के लिए मजबूत सकारात्मक संकेत के तौर पर देखा जा रहा है. जानकारों का मानना है कि यह निवेश न सिर्फ भारत की आर्थिक मजबूती को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि वैश्विक संस्थानों का भरोसा भारतीय बाजारों पर लगातार बढ़ रहा है.
श्रीराम MUFG डील से बढ़ा विदेशी निवेशकों का भरोसा
हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्पोरेशन (HDFC) के पूर्व वाइस चेयरमैन और सीईओ केकी मिस्त्री ने इस बड़े सौदे को भारत के लिए शुभ संकेत बताया है कि यह डील इस बात का सबूत है कि विदेशी निवेशकों को भारत के रेगुलेटरी माहौल और ग्रोथ अपॉर्च्युनिटीज पर भरोसा है.
मिस्त्री के मुताबिक, यह निवेश भारत में विश्वास को और मजबूत करता है. उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि भारतीय अर्थव्यवस्था आज बेहद मजबूत स्थिति में है और उसे आगे बढ़ाने में फाइनेंस की भूमिका सबसे अहम है.
क्यों विदेशी निवेशकों के लिए आकर्षक है भारत का फाइनेंशियल सेक्टर?
केकी मिस्त्री ने बताया कि भारत का फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्टर विदेशी निवेशकों के लिए खासा आकर्षक है, क्योंकि यहां फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स की पहुंच अभी भी वैश्विक मानकों के मुकाबले कम है. इसी वजह से इस सेक्टर में ग्रोथ की संभावनाएं काफी ज्यादा हैं.
उन्होंने कहा कि यही कारण है कि जापानी बैंक, जो आमतौर पर लंबे समय के निवेशक माने जाते हैं, भारत को इतनी सकारात्मक नजर से देख रहे हैं और यहां बड़े निवेश करने को तैयार हैं.
विदेशी पूंजी से बैंकिंग सेक्टर को लेकर कोई चिंता नहीं
विदेशी फंड फ्लो को लेकर भारतीय बैंकिंग सिस्टम पर किसी तरह के खतरे से केकी मिस्त्री ने इनकार किया है. उन्होंने कहा कि भारत का फाइनेंशियल सिस्टम मजबूत और अच्छी तरह से रेगुलेटेड है. घरेलू निवेश का आकार खुद ही इतना बड़ा है कि विदेशियों के आने से किसी तरह की अस्थिरता की आशंका नहीं बनती.
विदेशी हिस्सेदारी सीमा पर क्या बोले केकी मिस्त्री?
एक उदाहरण देते हुए मिस्त्री ने MSCI इंडेक्स का जिक्र किया और बताया कि यह इस बात पर निर्भर करता है कि विदेशी निवेशक किसी कंपनी में कितना निवेश कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि बैंकों में फिलहाल विदेशी हिस्सेदारी की सीमा 74% है. मिस्त्री के मुताबिक, सैद्धांतिक रूप से अगर इस सीमा को 74% से बढ़ाकर 100% कर दिया जाए, तो नियंत्रण या शेयरधारकों पर असर डाले बिना भारत में कहीं ज्यादा विदेशी पूंजी आ सकती है.


