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नए साल से बदलेंगे बड़े नियम, मोबाइल बैंकिंग से लेकर खर्च तक पड़ेगा सीधा असर

सरकार 2026 से बैंकिंग, डिजिटल भुगतान, क्रेडिट स्कोर और पहचान सत्यापन से जुड़े नियमों में बड़े बदलाव करने जा रही है, ताकि धोखाधड़ी पर रोक लगाई जा सके और सिस्टम को ज्यादा सुरक्षित बनाया जा सके.

Suraj Mishra
Edited By: Suraj Mishra

सरकार हर वर्ष मौजूदा नीतियों और व्यवस्थाओं की समीक्षा करती है ताकि बदलते समय के साथ प्रणाली को अधिक प्रभावी और सुरक्षित बनाया जा सके. तेजी से डिजिटल होती अर्थव्यवस्था इसका सबसे बड़ा कारण है. बीते कुछ वर्षों में ऑनलाइन लेनदेन में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है, जिससे बैंकिंग सिस्टम पर दबाव बढ़ा है. इसके साथ ही साइबर फ्रॉड और वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों में भी इजाफा हुआ है. 

जोखिमों को नियंत्रित करने के लिए सरकार और नियामक संस्थाएं नए नियम लागू कर रही हैं. अधिकारियों का मानना है कि सख्त नियमों से शुरुआती असुविधा भले हो, लेकिन लंबे समय में इससे आम लोगों के धन और डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित होगी.

कर्ज और फिक्स्ड डिपॉजिट में संभावित बदलाव

नए साल में लोन लेने वालों को कुछ राहत मिल सकती है. कई बैंकों ने संकेत दिए हैं कि ब्याज दरों में कटौती की जा सकती है, जिससे होम लोन और पर्सनल लोन सस्ते होने की उम्मीद है. वहीं फिक्स्ड डिपॉजिट की दरों में भी बदलाव संभव है. कुछ बैंक बेहतर रिटर्न दे सकते हैं, जबकि कुछ दरों में कमी कर सकते हैं. निवेशकों के लिए यह जरूरी होगा कि वे 2026 में निवेश से पहले सभी शर्तों को ध्यान से समझें.

पैन-आधार लिंकिंग होगी अनिवार्य

1 जनवरी 2026 से पैन कार्ड को आधार से लिंक करना अनिवार्य किया जाएगा. बैंकिंग और सरकारी सेवाओं का लाभ लेने के लिए यह जरूरी होगा. लिंक न कराने पर खाते से जुड़ी सुविधाएं सीमित हो सकती हैं और टैक्स लाभ या सब्सिडी पर भी असर पड़ सकता है. सरकार का उद्देश्य फर्जी खातों पर रोक लगाना है, इसलिए नियमों को सख्ती से लागू किया जाएगा.

तेजी से अपडेट होगा क्रेडिट स्कोर

अब क्रेडिट स्कोर अपडेट होने की प्रक्रिया पहले से कहीं ज्यादा तेज होगी. जहां पहले इसमें लगभग 15 दिन लगते थे, वहीं अब हर सप्ताह स्कोर अपडेट किया जाएगा. समय पर ईएमआई चुकाने वालों को इसका लाभ जल्दी मिलेगा और लोन अप्रूवल की प्रक्रिया आसान हो सकती है. वहीं भुगतान में देरी का नकारात्मक असर भी तुरंत दिखेगा.

यूपीआई और डिजिटल पेमेंट पर सख्ती

डिजिटल धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों को देखते हुए यूपीआई और मोबाइल बैंकिंग पर नए सुरक्षा नियम लागू होंगे. सिम वेरिफिकेशन और पहचान जांच को और कड़ा किया जाएगा. खाते और मोबाइल नंबर का सत्यापन अनिवार्य होगा ताकि फ्रॉड की घटनाओं पर लगाम लगाई जा सके.

सोशल मीडिया, वाहन और अन्य बदलाव

16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया पर नए नियम लागू हो सकते हैं, जिनमें आयु सत्यापन और पैरेंटल कंट्रोल शामिल होगा. वहीं प्रदूषण नियंत्रण के तहत बड़े शहरों में पेट्रोल-डीजल वाहनों पर प्रतिबंध सख्त हो सकते हैं. इससे टैक्सी और डिलीवरी सेवाओं की लागत प्रभावित होने की आशंका है.

किसान, गैस और टैक्स से जुड़े नियम

किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए विशेष किसान पहचान पत्र की जरूरत पड़ सकती है. फसल बीमा दावों के लिए समयसीमा तय होगी. एलपीजी, कमर्शियल गैस और विमानन ईंधन की कीमतों में बदलाव संभव है. टैक्स फाइलिंग प्रक्रिया सरल होगी, लेकिन जांच और अनुपालन पर पहले से ज्यादा सख्ती बरती जाएगी.

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26 December 2025, 08:53 PM IST

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