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ना शराब, ना फोन, संयम और अनुशासन से रचा इतिहास... जानिए टेलीग्राम फाउंडर ने कैसे हासिल की अरबों की दौलत

Telegram founder Pavel Durov : पावेल डुरोव, टेलीग्राम के संस्थापक और सीईओ, अपनी सफलता का श्रेय सख्त अनुशासन, नशे से दूरी और डिजिटल डिटॉक्स जैसी जीवनशैली को देते हैं. उन्होंने बचपन में ही शराब, तंबाकू और अन्य नशे से दूरी बना ली थी. मोबाइल फोन का सीमित उपयोग करते हैं ताकि ध्यान केंद्रित रह सके. उनका मानना है कि मानसिक स्पष्टता और आत्म-नियंत्रण ही असली सफलता की कुंजी हैं.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

Telegram founder Pavel Durov : टेलीग्राम मैसेजिंग ऐप के फाउंडर और सीईओ पावेल डुरोव आज दुबई के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक माने जाते हैं. उनकी कुल संपत्ति करीब 17 बिलियन डॉलर आंकी गई है. लेकिन ये सफलता रातों-रात नहीं मिली. इसके पीछे उनकी वर्षों की मेहनत, अनुशासन और एक स्पष्ट विज़न रहा है. हाल ही में उन्होंने लेक्स फ्रिडमैन के पॉडकास्ट में अपनी जीवनशैली, आदतों और सफलता के पीछे के रहस्यों पर खुलकर बातचीत की.

बचपन में ही बना लिया शराब से दूरी का संकल्प

पावेल डुरोव ने बताया कि उनका जीवन बचपन से ही बहुत सोच-समझकर आगे बढ़ा है. जब वे केवल 11 साल के थे, तब उनके एक शिक्षक ने उन्हें ‘द इल्यूजन ऑफ पैराडाइज’ नामक पुस्तक दी थी. इस किताब में शराब और अन्य नशे की चीजों के जैविक और रासायनिक प्रभावों को वैज्ञानिक रूप से समझाया गया था. किताब के अनुसार, शराब पीने पर दिमाग की कोशिकाएं सुन्न हो जाती हैं और व्यक्ति अस्थायी रूप से एक ‘ज़ॉम्बी’ की तरह व्यवहार करने लगता है. इसके लंबे समय तक इस्तेमाल से ब्रेन सेल्स भी मरने लगती हैं. इस ज्ञान ने पावेल के भीतर इतनी गहरी छाप छोड़ी कि उन्होंने बहुत ही कम उम्र में इन सभी चीजों से दूर रहने का फैसला कर लिया.

बीस वर्षों तक नशे से पूरी तरह दूर
डुरोव ने साझा किया कि उन्होंने लगभग बीस वर्षों तक शराब, तंबाकू, कॉफी, दवाइयों और किसी भी तरह के नशे से खुद को दूर रखा. उनके अनुसार, मस्तिष्क ही इंसान का सबसे बड़ा हथियार है और अगर वो ही कमजोर हो जाए, तो किसी भी क्षेत्र में सफलता की उम्मीद नहीं की जा सकती. अपने शरीर और दिमाग को स्वस्थ रखने के लिए उन्होंने बेहद सख्त जीवनशैली अपनाई.

मोबाइल फोन से दूरी, ध्यान में वृद्धि
डुरोव के अनुसार आज की दुनिया मोबाइल फोन की गुलाम बन चुकी है. इंसान फुर्सत के हर पल को फोन पर उंगलियां चलाकर बर्बाद कर रहा है. उन्होंने बताया कि वह खुद भी बहुत कम मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं और उसका उपयोग केवल टेलीग्राम के फीचर्स की टेस्टिंग तक सीमित रखते हैं.
उनका मानना है कि दिन की शुरुआत मोबाइल फोन के बिना होनी चाहिए. सुबह-सुबह अगर व्यक्ति फोन से दूर रहकर शारीरिक व्यायाम करता है, तो उसके दिमाग में रचनात्मक और सकारात्मक विचार आते हैं. इसके विपरीत, अगर जागते ही फोन खोला जाए, तो इंसान दूसरों के विचारों और सूचनाओं से भर जाता है और उसका खुद का सोचने का तरीका प्रभावित हो जाता है.

फोन नहीं था, फिर भी बना ग्लोबल नेटवर्क का राजा
एक समय था जब यूनिवर्सिटी के दौरान भी डुरोव के पास कोई मोबाइल फोन नहीं था. फिर भी उन्होंने तकनीक और सोशल नेटवर्किंग की दुनिया में अपनी एक अनोखी पहचान बनाई. आज जब पूरी दुनिया सोशल मीडिया पर छाई हुई है, तब भी पावेल डुरोव अपने निजी जीवन में डिजिटल डिटॉक्स को प्राथमिकता देते हैं. उनका मानना है कि खुद का एजेंडा तय करना, ध्यान केंद्रित करना और जीवन में अनुशासन बनाए रखना ही उनकी सफलता की असली कुंजी है.

आज की युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा
उन्होंने यह साबित किया है कि सादगी, आत्म-अनुशासन और स्पष्ट सोच के बल पर न केवल एक सफल बिजनेस खड़ा किया जा सकता है, बल्कि मानसिक और शारीरिक रूप से भी एक बेहतर जीवन जिया जा सकता है. अपने विचारों और आदतों से उन्होंने दिखाया कि असली ताकत भीतर से आती है और जब इंसान अपने दिमाग और शरीर को सही दिशा में लगाता है, तो दुनिया की कोई भी ऊंचाई हासिल की जा सकती है.

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10 October 2025, 03:37 PM IST

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