अब 40 हजार से भी कम में खरीदें हॉलमार्क वाली सोने की ज्वेलरी, सरकार का बड़ा फैसला
सोने की बढ़ती कीमतों के बीच सरकार ने 9 कैरेट गोल्ड पर भी हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी है, जिससे अब आम ग्राहक सस्ती और प्रमाणिक ज्वेलरी खरीद सकेंगे. ये फैसला घरेलू उपभोक्ताओं के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी भारतीय ज्वेलरी की विश्वसनीयता बढ़ाएगा.

सोने की कीमतों ने नया शिखर छू लिया है और 24 कैरेट गोल्ड का दाम 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के करीब पहुंच गया है. इस महंगाई ने आम ग्राहकों, खासकर महिलाओं के लिए पारंपरिक सोने की ज्वेलरी खरीदना मुश्किल कर दिया है. ऐसे में अब सरकार ने एक ऐसा फैसला लिया है, जिससे आम लोग भी कम कीमत में हॉलमार्क वाली गोल्ड ज्वेलरी खरीद सकेंगे.
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के तहत, कार्यरत भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने 9 कैरेट गोल्ड ज्वेलरी पर भी हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी है. इससे अब ग्राहक कम कीमत में शुद्ध और प्रमाणिक सोने की ज्वेलरी खरीद सकेंगे. इस फैसले से सोने की बिक्री में इजाफा होने की उम्मीद है.
अब 9 कैरेट गोल्ड पर भी होगी हॉलमार्किंग
BIS ने जुलाई से 9 कैरेट सोने को हॉलमार्किंग के लिए अनिवार्य श्रेणी में शामिल कर लिया है. पहले तक केवल 14, 18, 20, 22, 23 और 24 कैरेट सोने की ज्वेलरी पर ही हॉलमार्क अनिवार्य था. अब 9 कैरेट सोने की ज्वेलरी भी प्रमाणिकता के साथ उपलब्ध होगी, जिससे ग्राहकों को ठगी से बचाया जा सकेगा.
जेब पर हल्का पड़ेगा 9 कैरेट गोल्ड
मौजूदा समय में 9 कैरेट सोने की कीमत लगभग ₹37,000 से ₹38,000 प्रति 10 ग्राम है, जबकि 22 कैरेट सोने की कीमत ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम के आसपास है. ऐसे में 9 कैरेट गोल्ड उन ग्राहकों के लिए शानदार विकल्प बन सकता है, जो बजट में स्टाइलिश और हॉलमार्क वाली ज्वेलरी खरीदना चाहते हैं.
हॉलमार्किंग से मिलेगा अंतरराष्ट्रीय फायदा
सरकार का मानना है कि 9 कैरेट गोल्ड पर हॉलमार्किंग केवल घरेलू ग्राहकों को ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी भारतीय ज्वेलरी की विश्वसनीयता बढ़ाएगी. विदेशों में 9 कैरेट गोल्ड की मांग पहले से मौजूद है, ऐसे में ये कदम निर्यात को भी बढ़ावा देगा.
BIS-Care ऐप से करें हॉलमार्क की जांच
ग्राहक अब BIS-Care ऐप की मदद से किसी भी ज्वेलरी की शुद्धता जांच सकते हैं. ज्वेलरी पर अंकित HUID (Hallmark Unique Identification) नंबर डालकर ये सुनिश्चित किया जा सकता है कि गहना असली है या नहीं. BIS की आधिकारिक वेबसाइट से भी ये जांच संभव है.
अगर आप निवेश के मकसद से ज्वेलरी खरीदना चाहते हैं, तो 22 कैरेट सोना बेहतर है क्योंकि इसमें 91.6% शुद्धता होती है. वहीं, 9 कैरेट गोल्ड में 37.5% शुद्धता होती है, जो रोजमर्रा की फैशन ज्वेलरी के लिए आदर्श है. इसमें आधुनिक डिजाइन बनाना आसान है और कीमत भी किफायती रहती है.
हॉलमार्किंग क्यों है जरूरी?
हॉलमार्क एक प्रकार की सरकारी मुहर है जो ये सुनिश्चित करती है कि सोना शुद्ध है और ग्राहकों को गारंटी के साथ सही उत्पाद मिल रहा है. ये ना सिर्फ खरीदारी को सुरक्षित बनाता है, बल्कि बाद में एक्सचेंज या रीसेल में भी सहूलियत देता है.


