RBI Repo Rate: RBI ने रेपो रेट नहीं बदला, जानें गवर्नर मल्होत्रा ने क्या कहा?
RBI Repo Rate: आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने ऐलान किया है कि ऋण दर 5.5% पर स्थिर रहेगी, यानी कोई बदलाव नहीं हुआ है. इसका मतलब है कि अर्थव्यवस्था को संतुलित रखने की कोशिश में आरबीआई सावधानी बरत रहा है ताकि आपकी जेब और बाजार दोनों में स्थिरता बनी रहे.

RBI Repo Rate: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने बुधवार को तीन-दिवसीय मीटिंग के बाद फैसला किया कि प्रमुख रेपो दर 5.50% पर यथावत रखी जाए. गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि इस निर्णय के साथ ही बैंक ने अपना न्यूट्रल (तटस्थ) रुख जारी रखने का भी निर्णय लिया है.
RBI ने स्पष्ट किया कि standing deposit facility दर 5.25% पर बनी रहेगी तथा marginal standing facility और बैंक दर 5.75% पर ही रहेंगी. गवर्नर मल्होत्रा ने कहा कि उभरती हुई मैक्रोइकॉनॉमिक परिस्थितियों और अनुमान को देखकर MPC ने सर्वसम्मति से रेपो रेट नहीं बदलने का निर्णय लिया.
निर्णय की पृष्ठभूमि और कारण
MPC ने कहा कि पिछले कुछ समय से की गई 100 आधार अंक की कटौतियों का असर अभी पूरी तरह अर्थव्यवस्था में नहीं पहुंचा है.
मुद्रास्फीति और आर्थिक वृद्धि के अनुमान में संतुलन बनाए रखने की जिम्मेदारी देखते हुए समिति ने संभावित अनिश्चितताओं से निपटने के लिए बातचीत का समय लिया. RBI ने अपनी वार्षिक मुद्रास्फीति अनुमान को 3.1% पर संशोधित किया है जो पहले 3.7% था. वहीं FY26 के लिए GDP वृद्धि अनुमान को 6.5% पर रखा गया है.
अर्थव्यवस्था और बाजारों पर प्रभाव
इस निर्णय से ऋण लेने वालों को कोई नई राहत नहीं मिलेगी, क्योंकि ब्याज दरें यथावत ही रहेंगी. बैंक और वित्तीय संस्थान अब पिछले कटौतियों के प्रभाव को परखने का अवसर लेंगे, ट्रांसमिशन प्रक्रिया का पूरा असर देखने को मिलेगा. यह निर्णय निवेशकों और बाजारों को स्थिरता देने वाला इंसिंगल हो सकता है क्योंकि RBI ने रुख को अचानक नहीं बदला है. मौद्रिक नीति की अनिश्चितता कम रहने से बैंक आर्थिक योजनाओं को बेहतर ढंग से समायोजित कर पाएंगे.


