score Card

चांदी ने तोड़ा 4 दशकों का रिकॉर्ड! 2026 में और बढ़ेगी कीमतें? आखिर क्यों बढ़ रहे इतने दाम

साल 2024 में चांदी ने 120% तेजी दिखाई और घरेलू बाजार में पहली बार ₹2,00,000 पार की. वैश्विक सप्लाई कमी, इंडस्ट्रील डिमांड और ग्रीन एनर्जी उपयोग के कारण कीमत अगले साल ₹2,40,000-2,50,000 तक बढ़ने की संभावना है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

मुंबईः मौजूदा साल चांदी निवेशकों के लिए बेहद ही शानदार रहा है. साल 2024 में चांदी ने 120 फीसदी की जबरदस्त तेजी दिखाई है और शुक्रवार को घरेलू बाजार में इसकी कीमत पहली बार ₹2,00,000 के पार पहुंच गई. यह उछाल 1979 के बाद चांदी की सबसे बड़ी सालाना बढ़ोतरी है.

विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगले साल चांदी की कीमत ₹2,40,000-2,50,000 तक पहुंच सकती है, यानी करीब 25 फीसदी और वृद्धि होने की संभावना है. इसके पीछे वैश्विक सप्लाई में कमी और इंडस्ट्री की बढ़ती मांग प्रमुख कारण माने जा रहे हैं.

चांदी की कीमतों में तेजी के कारण

चांदी की बढ़ती कीमतें बाजार में स्ट्रक्चरल रीवैल्यूएशन का संकेत देती हैं. वैश्विक खनन उत्पादन बढ़ती कीमतों के अनुरूप नहीं रहा और लगभग 810 मिलियन औंस पर स्थिर है, जो पिछले पांच सालों के स्तर के समान या उससे कम है. इसके अलावा, लगभग 70-80 फीसदी चांदी अन्य धातुओं जैसे सीसा, जस्ता और तांबे के बाय-प्रोडक्ट के रूप में मिलती है. रिफिनिटिव के आंकड़ों के मुताबिक, 2026 तक चांदी की सप्लाई में कमी बनी रहेगी.

इंडस्ट्रीयल डिमांड में उछाल

चांदी की मांग में बढ़ोतरी का सबसे बड़ा कारण इंडस्ट्री में बढ़ता उपयोग है. खासकर ग्रीन एनर्जी और सोलर फोटोवोल्टाइक (PV) सेक्टर ने मांग को काफी बढ़ाया है. पिछले चार सालों में सोलर एनर्जी सेक्टर की ओर से चांदी की मांग दोगुनी हो गई है.

2020 में सोलर सेक्टर की मांग 94.4 मिलियन औंस थी, जो 2024 में बढ़कर 243.7 मिलियन औंस हो गई. अकेले सोलर एनर्जी ने 2024 में कुल मांग का लगभग 21 फीसदी हिस्सा बनाया. इसके अलावा, ट्रेड पॉलिसी की अनिश्चितता और लॉजिस्टिक असंतुलन ने भी घरेलू बाजार में प्रीमियम पर कारोबार को बढ़ावा दिया.

अंतरराष्ट्रीय बाजार का प्रभाव

अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी चांदी का ट्रेंड मजबूत बना हुआ है. लंदन से अमेरिकी रिजर्व में मेटल के स्थानांतरण ने ग्लोबल फ्लोट को कम कर दिया है. कॉमेक्स में चांदी का भंडार बढ़ रहा है और तकनीकी चार्ट ने पिछले दशक के निचले स्तर को decisively तोड़ दिया है. ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि $67 से ऊपर लगातार मासिक क्लोजिंग 76-80 डॉलर के टारगेट तक तेजी को ट्रिगर कर सकती है.

क्या चांदी ₹2.50 लाख तक पहुंचेगी?

घरेलू बाजार में, यदि चांदी की कीमत ₹1,70,000-1,78,000 तक गिरती है, तो इसे फेजवाइज खरीदने का अवसर माना जा सकता है. विशेषज्ञों के अनुसार, फिजिकल कमी, बढ़ती इंडस्ट्रील डिमांड और निवेशकों की नई रुचि के चलते चांदी का आउटलुक मजबूत बना हुआ है. दासानी का मानना है कि 2026 तक चांदी की कीमत ₹2,50,000 तक पहुंच सकती है और यह तेजी लंबी अवधि तक कायम रह सकती है.

calender
14 December 2025, 11:08 AM IST

ताजा खबरें

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag