एक ही दिन में 17 हजार रुपये उछली चांदी, सोने की कीमतों ने भी तोड़े सारे रिकॉर्ड
सोना और चांदी लगातार रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच रहे हैं, जिससे एक हफ्ते में ही इनकी कीमतों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक वैश्विक अनिश्चितता और निवेश मांग के चलते लॉन्ग टर्म में तेजी बनी रह सकती है.

सोने और चांदी की कीमतें इन दिनों लगातार नई ऊंचाइयों को छू रही हैं. हालात ऐसे हैं कि हर गुजरते दिन के साथ इनके दाम और तेज हो रहे हैं. आम खरीदारों के साथ-साथ बड़े निवेशक भी अब कीमती धातुओं में खुलकर निवेश कर रहे हैं. बाजार विशेषज्ञों की मानें तो यह तेजी फिलहाल थमने वाली नहीं है और लंबी अवधि में सोना-चांदी और महंगे हो सकते हैं.
चांदी की कीमतों ने जबरदस्त उछाल
शुक्रवार को कमोडिटी बाजार में चांदी की कीमतों ने जबरदस्त उछाल दिखाया. MCX पर 5 मार्च वायदा के लिए एक किलो चांदी का भाव कारोबार बंद होने तक करीब 17 हजार रुपये बढ़कर 2,40,935 रुपये पर पहुंच गया. दिन के दौरान तो इसमें और ज्यादा तेजी देखी गई और चांदी करीब 19 हजार रुपये उछलकर 2,42,000 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई. यह अब तक का सबसे ऊंचा स्तर माना जा रहा है.
पिछले एक हफ्ते की बात करें तो सोना और चांदी दोनों ही आम लोगों की पहुंच से काफी दूर हो चुके हैं. 19 दिसंबर को जहां 10 ग्राम सोने की कीमत करीब 1,34,196 रुपये थी, वहीं अब यह लगभग 1.40 लाख रुपये तक पहुंच गई है. यानी महज एक सप्ताह में सोने के दाम करीब 6 हजार रुपये बढ़ गए. चांदी की तेजी तो इससे भी ज्यादा रही. 19 दिसंबर को एक किलो चांदी 2.08 लाख रुपये में मिल रही थी, जो अब 2.40 लाख रुपये के आसपास पहुंच चुकी है. इस दौरान चांदी करीब 32 हजार रुपये महंगी हो गई.
कीमतों में इस उछाल के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना और चांदी रिकॉर्ड स्तर पर हैं, जिसका असर घरेलू बाजार पर भी पड़ा है. इसके अलावा गोल्ड और सिल्वर ETF में निवेश बढ़ा है, क्योंकि शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच लोग सुरक्षित निवेश की ओर झुक रहे हैं. डॉलर की कमजोरी और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों ने भी मांग को बढ़ावा दिया है. वहीं इलेक्ट्रॉनिक्स और ग्रीन टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में चांदी की औद्योगिक मांग लगातार बढ़ रही है.
भू-राजनीतिक तनाव, तेल बाजार में अनिश्चितता और वैश्विक संघर्षों के चलते निवेशक जोखिम से बचने के लिए सोना-चांदी खरीदना पसंद कर रहे हैं. साथ ही केंद्रीय बैंक भी बड़ी मात्रा में कीमती धातुओं की खरीद कर रहे हैं, जिससे कीमतों को और समर्थन मिल रहा है.
विशेषज्ञों का क्या मानना है?
विशेषज्ञों का मानना है कि लंबी अवधि में सोना और चांदी फायदे का सौदा साबित हो सकते हैं, लेकिन अल्पकाल में मुनाफावसूली के कारण गिरावट भी आ सकती है. ऐसे में निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए. उनका सुझाव है कि फिजिकल खरीद के बजाय ETF के जरिए नियमित अंतराल पर निवेश किया जाए, जिससे जोखिम कम हो और समय के साथ बेहतर रिटर्न मिल सके.


